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नई भूमिका में नजर आएंंगे पूर्व श्रीलंकाई तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा, इस टीम के होंगे गेंदबाजी कंसल्टेंट

पूर्व तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा श्रीलंका के क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाजी सलाहकार कोच बनने के लिए तैयार हैं। इसके लिए क्रिकेट सलाहकार समिति ने उनके नाम की सिफारिश श्रीलंका क्रिकेट (SLC) की कार्यकारी समिति से की है।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 02:06 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 02:06 PM (IST)
नई भूमिका में नजर आएंंगे पूर्व श्रीलंकाई तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा, इस टीम के होंगे गेंदबाजी कंसल्टेंट
नई भूमिका में नजर आएंंगे श्रीलंकाई तेज गेंदबाद लसिथ मलिंगा। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, आइएएनएस। पूर्व तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा श्रीलंका क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाजी सलाहकार कोच बनने के लिए तैयार हैं। क्रिकेट सलाहकार समिति ने उनके नाम की सिफारिश श्रीलंका क्रिकेट (SLC) की कार्यकारी समिति से की है। 38 वर्षीय मलिंगा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की ओर से मुंबई इंडियंस (MI) के लिए एक दशक से अधिक समय तक खेले हैं। द आइलैंड की एक रिपोर्ट में बुधवार को कहा गया कि वह आस्ट्रेलिया के आगामी टी 20 दौरे के लिए श्रीलंकाई टीम की तैयारियों की देखरेख करेंगे, जहां टीम पांच मैच खेलेगी। 

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मलिंगा अपने स्लिंग-शाट एक्शन के कारण दुनिया के सबसे सफल टी 20 गेंदबाजों में से एक हैं और श्रीलंकाई आइकन हैं। उनकी कप्तानी में श्रीलंका ने 2014 में आइसीसी टी-20 वर्ल्ड कप जीता था। वह निलंबित दिनेश चांडीमल की जगह कप्तान बनाए गए थे। हालांकि कप्तान के रूप में उनका रिकार्ड खराब है। उन्होंने नौ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का नेतृत्व किया और सभी नौ हार में समाप्त हुए। उनके नेतृत्व में श्रीलंका को 24 टी-20 में से 15 में हार का सामना करना पड़ा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिकेट सलाहकार समिति में शामिल कुमार संगकारा, अरविंद डी सिल्वा और मुथैया मुरलीधरन जैसे दिग्गजों ने मलिंगा को तेज गेंदबाज सलाहकार कोच बनाए जाने पर अपनी आपत्ति जताई। हालांकि, सिफारिश कथित तौर पर पूर्व कप्तान और सलाहकार कोच महेला जयवर्धने की ओर से आई थी, इसलिए इसे नकारा नहीं जा सकता था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिग्गज तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा को ड्रेसिंग रूम में पसंद नहीं किया जाता था। श्रीलंकाई कप्तान उनके व्यवहार से खुश नहीं रहते थे। उनपर आरोप लगाए गए कि कप्तान को निलंबित करने के इरादे से ओवर रेट को प्रभावित करते थे। इसके कारण कप्तानों को जुर्माना और निलबंन का सामना करना पड़ता था। हालांकि, इस आरोप की एसएलसी ने कभी जांच नहीं की।


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