भारतीय खिलाड़ियों का अपमान करने वाले इस ऑस्ट्रेलियाई कमेंटेटर ने मांगी माफी, कही ये बातें
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग-डे टेस्ट मैच के दौरान अपनी नस्लवादी टिप्पणियों के कारण ओकीफ को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
मेलबोर्न। आलोचकों के निशाने पर चल रहे ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर से कमेंटेटर बने कैरी ओकीफ ने भारतीय प्रशंसकों और खिलाड़ियों को खुला पत्र लिखकर तीसरे टेस्ट मैच के दौरान की गई अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए माफी मांगी है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग-डे टेस्ट मैच के दौरान अपनी नस्लवादी टिप्पणियों के कारण ओकीफ को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि उनके मजाक का गलत अर्थ निकाला गया और उनका इरादा भारतीय क्रिकेट का अपमान करना नहीं था।
ओकीफ ने कहा कि कमेंट्री के दौरान की गई अपनी टिप्पणियों पर मिली प्रतिक्रियाओं से वह टूट गए हैं। उनकी टिप्पणियों को भारतीय प्रशंसकों और मीडिया ने अपमानजनक और यहां तक कि नस्लीय करार दिया है। उन्होंने खुले पत्र में लिखा, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच समाप्त हुए तीसरे टेस्ट मैच के दौरान फॉक्स क्रिकेट पर अपनी टिप्पणियों पर मिली प्रतिक्रिया से मैं टूट चुका हूं। मैं इस बात पर आ रहा हूं कि किस तरह से इन शब्दों की नकारात्मक व्याख्या कर दी गई। जिस तरह की व्याख्या की गई मैं वैसा नहीं हूं। कमेंट्री की मेरी शैली में गंभीर विश्लेषण के बीच में कुछ हल्की फुल्की टिप्पणियां करना शामिल है। इस कमेंटेटर ने भारत की तरफ से पदार्पण कर रहे मयंक अग्रवाल के रणजी ट्रॉफी में लगाए गए तिहरे शतक के बारे में कहा था कि उन्होंने शायद यह पारी 'जालंधर रेलवे कैंटीन स्टाफ' के खिलाफ खेली थी। इसके लिए उनकी कड़ी आलोचना हुई।
ओकीफ ने कहा, मैं निश्चित तौर पर भारतीय क्रिकेट का अपमान नहीं कर रहा था, जहां का मैंने स्कूली छात्र के रूप में दौरा किया था और जिसकी क्रिकेट प्रेमी देश के रूप में मेरे लिए सबसे ब़़डी प्रेरणा है। चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा के नामों का मजाक उड़ाने पर भी ओकीफ की आलोचना हुई थी। उन्होंने इसके लिए भी माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा इन दो दिग्गज खिलाड़ियों का मजाक उड़ाना नहीं था।