IPL की नीलामी में 11.05 करोड़ों में खरीदा गया, तब भरोसा हुआ मेरे अंदर कितना हुनर है
उनादकट ने कहा मोटी रकम में खरीदे जाने पर उनके लगा कि उनके अंदर वो बात है जो टीम को उन्हें पहली पसंद बनाने को मजबूर कर सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय तेज गेंदबाज और साराष्ट्र रणजी टीम के चैंपियन कप्तान जयदेव उनादकट ने इंडियन प्रीमियर लीग को अपने करियर में अहम बताया है। उन्होने कहा कि साल 2018 के आईपीएल की नीलामी में उनको उंची बोली लगाकर खरीदे जाने से आत्मविश्वास आया। उनादकट ने कहा मोटी रकम में खरीदे जाने पर उनके लगा कि उनके अंदर वो बात है जो टीम को उन्हें पहली पसंद बनाने को मजबूर कर सकता है।
उनादकट ने साल 2017 में खेले गए आईपीएल में पुणे सुपर जाइंट्स की तरफ से खेलते हुए कुल 24 विकेट हासिल किए थे। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स ने अगले साल की नीलामी में उन्हें 11.05 करोड़ की बोली लगाकर टीम में शामिल किया था। इस रकम में खरीदे जाने के बाद उनादकट का नाम सबसे महंगे बिकने वाले भारतीय खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हुआ था।
आईपीएल के प्रदर्शन से हुई टीम इंडिया में वापसी
"राजस्थान रॉयल्स की फेसबुक लाइव पर बात करते हुए उनादकट ने बताया, साल 2018 मेरे करियर में कुछ सालों के लिए चर्चा का विषय बना रहा। यह नीलामी की वजह से हुआ था। मैं साल 2017 के अच्छे सीजन के बाद कुछ अच्छा होने की उम्मीद कर रहा था और इसके बाद भारतीय टीम में वापसी हुई। यह एक बड़ी नीलामी होने वाली थी।"
"मुझे पता था जो कोई भी फ्रेंचाइजी टीम मुझे चुनेगी उसके साथ लंबा रिश्ता बनने वाला है। मैं खुश हूं कि यह राजस्थान रॉयल्स की टीम थी जो खिलाड़ियों को उनके आंकड़े के आधार पर चुनती है ना कि सिर्फ उसके बड़े नाम के उपर।"
बेहद खराब रहा उनादकट का प्रदर्शन
हालांकि साल 2018 में मोटी रकम देकर खरीदे जाने के बाद वो उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और राजस्थान द्वारा खर्च किए गए 11 करोड़ से ज्यादा की रकम के साथ न्याय करने में सक्षम नहीं रहे। 15 मैच खेलकर इस सीजन में उन्होंने महज 11 विकेट ही हासिल किए थे।
"मैं खुश था कि मेरा नाम उनके किताब के पन्नों में दर्ज हो गया। उन्होंने मेरे उपर काफी भरोसा और विश्वास दिखाया था और इतनी उंची बोली लगाकर टीम में शामिल किया था।"
"इस एक नीलामी की वजह से मेरे अंदर भी एक विश्वास आया था और यह मेरे साथ पूरे करियर के दौरान रहेगा कि मेरे अंदर वो कला है। हां उस सीजन में मैं उतना अच्छा नहीं कर पाया था लेकिन मैं अब भी यह जानता हूं मेरे अंदर वो कला है। अभी जितना आत्मविश्वास मेरे अंदर है अगर इसे बनाए रख पाया तो मैं वाकई में उन तमाम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में कामयाब हो पाऊंगा जिनको मेरे उपर भरोसा है।"