लारा वाली टीम भी भारत में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई: होल्डर
होल्डर ने कहा, हर कोई अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र है। मेरा ध्यान इस पर होता है कि मुझे क्या करना है और टीम को क्या करना चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने अपनी टीम के आलोचकों पर ताना कसते हुए भारत में टीम के लचर प्रदर्शन पर जवाब दिया है। होल्डर ने बुधवार को कहा कि यहां तक कि नौवें दशक की कैरेबियाई टीम भी भारत में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई थी, जबकि उस टीम में ब्रायन लारा जैसे दिग्गज बल्लेबाज भी मौजूद थे।
वेस्टइंडीज ने पिछली बार 1994 में भारत में टेस्ट मैच जीता था और लारा ने मोहाली में खेले गए उस मैच की दूसरी पारी में 91 रन बनाए थे। उन्होंने भारत में यही एकमात्र सीरीज खेली थी। तीन मैचों की यह सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही थी।
राजकोट में पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज के लचर प्रदर्शन के बाद आलोचकों की कड़ी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर होल्डर ने कहा, 'हम दुनिया की नंबर एक टीम भारत के खिलाफ उसकी सरजमीं पर खेल रहे हैं और इतिहास गवाह है कि हम 1994 के बाद से यहां टेस्ट मैच नहीं जीते हैं। मुझे लगता है कि ब्रायन लारा और अन्य दिग्गज खिलाड़ी भी तब खेल रहे थे।'
हाल में वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान कार्ल हूपर ने कैरेबियाई देशों के युवाओं की आलोचना की थी, जो केवल टी-20 अनुबंध हासिल करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, लेकिन वर्तमान कप्तान ने नाम लिए बिना इससे विपरीत विचार रखे।
होल्डर ने कहा, 'हर कोई अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र है। मेरा ध्यान इस पर होता है कि मुझे क्या करना है और टीम को क्या करना चाहिए। इस पर चिंता करने की जरूरत नहीं है कि लोग क्या कह रहे हैं, क्योंकि लोग हमेशा कुछ ने कुछ कहते रहते हैं। आलोचकों को हम क्रिकेट खेलकर ही चुप करा सकते हैं या चुप कराने की कोशिश कर सकते हैं। यही एकमात्र तरीका है। हालांकि, मुझे नहीं लगता कि वे कभी चुप होंगे।'
दूसरे टेस्ट मैच के लिए यह ऑलराउंडर अभी पूरी तरह से फिट नहीं है, लेकिन वह अपनी अनुभवहीन टीम को लेकर की जा रही टिप्पणियों से नाखुश हैं। उन्होंने कहा, 'इस टीम के बारे में काफी कुछ कहा गया है, जिनसे कि मैं सहमत नहीं हूं, क्योंकि हमने जो पिछली दो-तीन सीरीज खेली हैं उनमें शीर्ष टीमों को हराया है।
हम उतनी सीरीज नहीं जीत पाए, जितनी हम चाहते थे, लेकिन पिछले साल मुझे लगता है कि हमने जो चार या पांच सीरीज खेलीं उनमें से दो में जीत दर्ज की। इसलिए यह मेरी समझ से परे है कि लोगों का हमारे प्रति इतना कड़ा रवैया क्यों हैं।