जडेजा ने कमजोरियों पर काम किया: अरुण
भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण का मानना है कि राष्ट्रीय टीम से कुछ महीने के लिए बाहर होने पर बायें हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा को अपने खेल को समझने और उसमें सुधार करने का मौका मिला जिसका अब उसे फायदा मिल रहा है। जडेजा ने अब तक
बेंगलुरु। भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण का मानना है कि राष्ट्रीय टीम से कुछ महीने के लिए बाहर होने पर बायें हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा को अपने खेल को समझने और उसमें सुधार करने का मौका मिला जिसका अब उसे फायदा मिल रहा है। जडेजा ने अब तक टीम के स्पिन विभाग के अगुआ रविचंद्रन अश्विन का अच्छा साथ दिया है। इन दोनों ने अब तक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 12-12 विकेट लिए हैं।
अरुण ने दूसरे दिन का खेल बारिश की भेंट चढ़ जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मेरा मानना है कि जडेजा को यह जानने के लिए समय मिला कि उसे किन विभागों में सुधार करना है। रणजी ट्रॉफी में उसके प्रदर्शन (सौराष्ट्र की तरफ से 30 से अधिक विकेट) से भी उसका काफी आत्मविश्वास बढ़ा। इसके साथ ही जडेजा हमारा 'बैंकर' गेंदबाज है। आप किसी भी प्रारूप में खेलो चाहे वह टेस्ट हो या वनडे। वह अपने फायदे के लिए अपने मजबूत पक्षों का उपयोग करना जानते हैं।'
जडेजा ने जहां अपने खेल का आकलन किया वहीं कोच ने कहा कि भुवनेश्वर कुमार को 'गेंद अधिक स्विंग कराने की जरूरत' है हालांकि उन्हें खुशी है कि वह पहले की तुलना में अधिक तेजी से गेंद कर रहा है। अरुण ने रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए भेजे गए उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज के बारे में कहा, 'भुवनेश्वर कुमार की बात करें तो वह 140 किमी से अधिक की रफ्तार से गेंद कर सकता है और उसे स्विंग भी करा सकता है। भुवी का मजबूत पक्ष उसकी स्विंग है। उसने अपनी गति कुछ बढ़ाई है, लेकिन उसे लगातार अधिक स्विंग करने की जरूरत है और लगातार काम करने से वह इसमें सफल भी हो जाएगा।'
कई वर्षो तक राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी से जुड़े रहे अरुण का मानना है कि देश में तेज गेंदबाजों का अच्छा रिजर्व पूल है, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'अभी किसी के नाम का जिक्र करना अनुचित होगा, लेकिन हमारे पास गेंदबाजों का अच्छा पूल है। हमें उनकी क्षमता के अनुसार उन्हें गाइड करने की जरूरत है।'
इशांत के एक्शन में बदलाव के बाद सुधार के बारे में अरुण ने कहा कि असल में दिल्ली का यह तेज गेंदबाज अब सही कोण से गेंदबाजी कर रहा है जिससे उसे सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो इशांत के एक्शन में बहुत खास बदलाव नहीं किया गया। हमने उसे उसके गेंद करने के कोण से अवगत कराया और बताया कि कौन से कोण से गेंद करने पर उसे सफलता मिल सकती है। एक बार यह जानने के बाद वह अपने कौशल का बेहतर इस्तेमाल कर सकता है।'
इस पूर्व भारतीय मध्यम गति के गेंदबाज से पूछा गया कि क्या टर्निंग विकेट तैयार करने से भारत में तेज गेंदबाजों के विकास में बाधा उत्पन्न होगी, उन्होंने कहा, 'मैं इससे सहमत नहीं हूं। हमारे पास भारत में अच्छे तेज गेंदबाज हैं। हमारे पास अभी चार ऐसे गेंदबाज हैं जो लगातार 140 किमी से अधिक की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। हम ऐसे विकेटों पर खेलना पसंद करते हैं जो हमारी टीम की रणनीतियों के अनुकूल हों। यह (चिन्नास्वामी) स्पिनरों का मददगार विकेट नहीं हैल बल्कि यह अच्छा विकेट है।'