पहले टेस्ट में सामने आई टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमी, यहां है काम करने की जरूरत
दूसरी पारी में भारतीय टीम ने 73 रन पर अपने सात विकेट गवां दिए थे जिसमें से आखिरी पांच विकेट से सिर्फ 25 रन पर ही गिर गए थे।
एडिलेड, प्रेट्र। भारत के सहायक कोच संजय बांगर ने कहा कि निचले क्रम का ध्वस्त होना ऐसा मुद्दा है जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के बाकी मैचों में भारत सुधार कर सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि अब भारत को जीत की रेखा पार करनी होगी। एडिलेड ओवल में पहले क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन भारत ने अंतिम सात विकेट 73 रन पर, जबकि अंतिम पांच विकेट सिर्फ 25 रन पर गंवाए, जिससे टीम दूसरी पारी में 307 रन पर आउट हो गई। बांगर ने कहा कि उन्हें निचले क्रम से 25 और रन बनाने की उम्मीद थी। बांगड़ ने कहा कि हमें कम से कम 25 और रन की उम्मीद थी। यह ऐसा विभाग में जिसमें हम लगातार सुधार की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि निचला क्रम विशेषकर नौवें, 10वें और 11वें नंबर के बल्लेबाज रविवार की तुलना में बेहतर जज्बा दिखाएंगे।
उन्होंने कहा रिषभ पंत जब बल्लेबाजी के लिए आया तो हमारा स्कोर 260 रन के आस पास था। उसने तुरंत दबाव कम किया और तेजी से 30-35 रन बने। एक बार उसके हमें इस स्थिति में लाने के बाद हमने उम्मीद की थी कि वह बेहतर रुख और रणनीति के साथ बेहतर कर सकता था। बांगर ने कहा कि लेकिन आप उसके अंदर की निडरता को नजरअंदाज नहीं करना चाहोगे। टर्न लेती गेंद के खिलाफ उस तरह की बाउंड्री बेहतरीन शॉट थे। वे ऐसे शॉट थे जो कई साहसिक खिलाड़ी खेलते हैं।
बांगर को खुशी है कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने सीरीज की काफी अच्छी शुरुआत की, जबकि इससे पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में काफी मुश्किल हालात में बल्लेबाजी की। लोगों को समझना होगा कि उन मैचों में गलती की गुंजाइश काफी कम थी। केपटाउन से लेकर ओवल तक हार का अंतर काफी कम था। उन्होंने कहा कि हमने स्वयं को मजबूत स्थिति में रखा। दुर्भाग्य से हम मैच को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन एक टीम के रूप में हमें लगता है कि हम काफी प्रतिस्पर्धी थे। अब हमें जीत की रेखा पार करनी होगी। बांगर ने कहा कि पिछले दौरों पर हालात काफी कड़े थे और कभी कभी आलोचना अनुचित थी। हमें मुश्किल हालात का सामना करना पड़ा और हम मुश्किल समय से गुजरे, लेकिन यहां उन्होंने अच्छी शुरुआत की। जब हम यहां एडिलेड पहुंचे तो धारणा यह थी कि यह बल्लेबाजी के अनुकूल पिच होगी।
बांगर ने रहाणे और पहली पारी में शतक जड़ने वाले पुजारा की जमकर तारीफ की। बांगर ने कहा कि रहाणे पिछले दौरों पर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और वह एक बार फिर बड़ा शतक जड़ने के करीब हैं। उन्होंने कहा कि हम आम तौर पर यह बल्लेबाज पर छोड़ देते हैं कि वह नाइट वॉचमैन चाहता है या नहीं। वह मैदान पर उतरने के लिए बेताब थे (दूसरी पारी में तीसरे दिन के अंत में) और क्रीज पर जाना चाहते थे। जहां तक उनकी फॉर्म का सवाल है उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ और इंग्लैंड में तीसरे, चौथे और पांचवें टेस्ट में रन बनाए। बस शतक उससे दूर रहा।कोच ने दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए शीर्ष क्रम की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि दूसरी पारी में हमारी शुरुआत बेहतर रही। इससे हमें आधार मिला। हमें सलामी जोड़ीदारों से यही उम्मीद थी।
इंग्लैंड दौरे के बीच में टीम से बाहर किए जाने के बाद वापसी कर रहे सलामी बल्लेबाजी मुरली विजय के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वह टीम योजना का हिस्सा हैं। हम उनके अनुभव और अनुशासन का उपयोग करना चाहते हैं। नई गेंद के खिलाफ खेलते हुए और ऑस्ट्रेलिया के आक्रमण के स्तर को देखते हुए हमें शीर्ष क्रम से लगातार अच्छी शुरुआत की जरूरत है। इसलिए सलामी बल्लेबाजों और तीसरे नंबर के बल्लेबाज को बड़ी भूमिका निभानी होगी।