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चीनी प्रायोजकों से नाता तोड़े IPL, किंग्स इलेवन पंजाब के सहमालिक ने दिया बयान

किंग्स इलेवन पंजाब के सहमालिक नेस वाडिया ने कहा है कि IPL और बीसीसीआइ को चीनी प्रायोजकों से नाता तोड़ना चाहिए।

By Vikash GaurEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 07:38 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 07:38 AM (IST)
चीनी प्रायोजकों से नाता तोड़े IPL, किंग्स इलेवन पंजाब के सहमालिक ने दिया बयान
चीनी प्रायोजकों से नाता तोड़े IPL, किंग्स इलेवन पंजाब के सहमालिक ने दिया बयान

नई दिल्ली, पीटीआइ। किंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक नेस वाडिया ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में चीन की कंपनियों के प्रायोजकों को धीरे-धीरे खत्म करने की मांग की। गलवन घाटी में 15 जून को 20 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। चीन ने हालांकि अब तक अपने सैनिकों के मारे जाने की जानकारी साझा करने से इन्कार किया है। इस घटना के बाद बीसीसीआइ को चीन की कंपनियों द्वारा प्रायोजक की समीक्षा के लिए आइपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलानी पड़ी, लेकिन यह बैठक अब तक नहीं हो पाई है। वहीं, भारत ने सोमवार को चीन के 59 एप को प्रतिबंधित कर दिया।

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वाडिया ने मंगलवार को कहा, "हमें देश की खातिर ऐसा (आइपीएल में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ना) करना चाहिए। देश पहले है, पैसा बाद में आता है। और यह इंडियन प्रीमियर लीग है, चीन प्रीमियर लीग नहीं। इसे उदाहरण पेश करना चाहिए और रास्ता दिखाना चाहिए। हां, शुरुआत में प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होगा, लेकिन मुझे लगता है कि पर्याप्त भारतीय प्रायोजक मौजूद हैं जो उनकी जगह ले सकते हैं। हमें देश और सरकार का सम्मान करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण सैनिकों का, जो हमारे लिए अपना जीवन जोखिम में डालते हैं।"

चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो आइपीएल की टाइटल प्रायोजक है और 2022 तक चलने वाले करार के तहत वह प्रत्येक साल बीसीसीआइ को 440 करोड़ रुपये देती है। आइपीएल से जुड़ी कंपनियों पेटीएम, स्विगी और ड्रीम इलेवन में भी चीन की कंपनियों का निवेश है। सिर्फ आइपीएल नहीं, बल्कि टीमों को भी चीन की कंपनियां प्रायोजित करती हैं।

वाडिया ने अपना रुख साफ कर दिया है, लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) सहित अन्य टीमों ने कहा कि वे सरकार के फैसले को मानेंगी। सीएसके के एक सूत्र ने कहा, 'शुरुआत में उनकी जगह लेना मुश्किल होगा, लेकिन अगर देश के खातिर ऐसा किया जाता है तो हमें ऐसा करना चाहिए।' एक अन्य टीम के मालिक ने कहा, 'सरकार को फैसला करने दीजिए, वे जो भी फैसला करेंगे हम उसे मानेंगे।'

वाडिया ने कहा कि इस विवादास्पद मामले में सरकार के निर्देशों का इंतजार करना सही नहीं है क्योंकि इस समय देश के साथ खड़े रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, 'अगर मैं बीसीसीआइ अध्यक्ष होता तो मैं कहता कि आगामी सत्र के लिए मुझे भारतीय प्रायोजक चाहिए।' वाडिया ने साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर चीन के एप को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले का भी स्वागत किया।


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