IPL 2022: मैं डाट गेंद फेंकने गया था लेकिन मेरी हैट्रिक की चाहत पूरी हो गई : युजवेंद्रा चहल
चहल ने कहा कि टीम में रहना या नहीं रहना एक क्रिकेटर के जीवन का हिस्सा है। वो एक खराब समय था और मैं उसके बारे में ज्यादा सोचता नहीं हूं क्योंकि वो अतीत का हिस्सा है। मैं मैच में होता हूं तो बस उसका आनंद लेता हूं।
राजस्थान रायल्स के लेग स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल का कहना है कि वह भारतीय टीम के चाइनामैन गेंदबाज और साथी स्पिनर कुलदीप यादव की आइपीएल में गेंदबाजी से काफी खुश हैं। उन्होंने कुलचा (कुलदीप और चहल) की जोड़ी की टीम में वापसी पर कहा कि यह चयनकर्ताओं और कोच पर निर्भर करता है। आइपीएल में प्रदर्शन करने और टीम इंडिया में वापसी को लेकर अभिषेक त्रिपाठी ने युजवेंद्रा सिंह चहल से की खास बातचीत, पेश हैं मुख्य अंश :
-अभी तक का सत्र बहुत ही शानदार रहा है आपके लिए। राजस्थान रायल्स में आने के बाद क्या आपको लगता है कि आपके पक्ष में कुछ चीजें काम कर रही हैं?
-काफी अच्छा सत्र चल रहा है और सबसे अच्छी बात यहां पर यह है कि मैं राजस्थान की टीम में काफी आराम से हूं। जब भी गेंद डालता हूं तो दिमाग में ज्यादा कुछ चलता नहीं है। मैनेजमेंट और कप्तान से समर्थन भी मिल रहा है। वे भी यही चाहते हैं कि मैं अपने कोटे की 24 गेंदें डालूं और मेरा भी यह लक्ष्य है। कोई दबाव नहीं होता कि ऐसी गेंद क्यों डाली, इसलिए यहां मैं काफी रिलेक्स हूं।
-पुणे और सीसीआइ के विकेट ज्यादा स्पिनरों को मदद नहीं दे रहे हैं लेकिन आपको सफलता हासिल हो रही है?
-पुणे में तो अभी तक मैंने एक ही मैच खेला है और वो राजस्थान के लिए मेरा पहला ही मैच था। मैं विकेट पर ज्यादा निर्भर नहीं होता हूं और जो मेरी विविधता है और उसे कब इस्तेमाल करना है शायद यही मेरी विशेषता है। मैं बल्लेबाज के अनुसार ही गेंदबाजी करता हूं।
-सत्र शुरू होने से पहले मानसिकता या गेंदबाजी की तकनीक में कोई बदलाव किया था?
-ऐसा कुछ बदलाव नहीं किया था और जो पहले करता आया था वही कर रहा हूं। मैं जब भी गेंद डालने जाता हूं तो मैं मैच की स्थिति को देखते हुए गेंदबाजी करता हूं। यह देखना पड़ता है कि विकेट लेने हैं या रन बनाने से रोकना है।
-बीच में आपको भारतीय टीम से बाहर रहना पड़ा। क्या आपको लगता है कि आइपीएल एक अवसर है खुद को साबित करने का?
-टीम में रहना या नहीं रहना एक क्रिकेटर के जीवन का हिस्सा है। वो एक खराब समय था और मैं उसके बारे में ज्यादा सोचता नहीं हूं क्योंकि वो अतीत का हिस्सा है। मैं मैच में होता हूं तो बस उसका आनंद लेता हूं।
-इस साल टी-20 विश्व कप होना है। क्या आपको लगता है कि इस साल के प्रदर्शन से आपकी उसमें जगह सुनिश्चित हो गई है?
-टी-20 विश्व कप अभी काफी दूर है और उससे पहले कई सीरीज होनी है। आइपीएल के बाद दक्षिण अफ्रीका सीरीज है लेकिन फिलहाल मेरा ध्यान आइपीएल पर ही केंद्रित है।
-आपके दोस्त कुलदीप यादव भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। क्या निकट भविष्य में हम टीम इंडिया में कुलचा (कुलदीप और चहल) को फिर साथ में देख सकते हैं?
- हमारा साथ आना चयनकर्ताओं और कोच पर निर्भर करता है। मैं कुलदीप के लिए बहुत खुश हूं क्योंकि घुटने में चोट के कारण वह छह महीने के लिए बाहर रहा था। उन्होंने वापसी की और जिस तरह वह गेंदबाजी कर रहे हैं उसे देखकर मुझे खुशी हो रही है। जिस तेजी से वह गेंद डाल रहे हैं मैं हमेशा से चाहता था कि कुलदीप वैसे ही गेंद फेंके। वह उस पर काम कर रहे हैं। कुलदीप में वैसा आत्मविश्वास दिख रहा है जैसा हम दो साल पहले उनके अंदर देखते थे।
-पर्पल कैपधारी होने का अनुभव कैसा है। इसे हासिल करने के बाद आपके दिमाग में क्या चल रहा है?
-ऐसा कुछ नहीं है कि कुछ दिमाग में चल रहा है। इससे पहले भी मुझे पर्पल कैप मिल चुकी है लेकिन हां इस बार लंबे समय तक के लिए मिला है। मैं इस बारे में ज्यादा नहीं सोचता क्योंकि मेरे लिए हम ट्राफी जीतें वो ज्यादा महत्वपूर्ण है।
-- कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ ली गई हैट्रिक को कोई नहीं भूल सकता। उसके बारे में कुछ बताएं।
-यह काफी महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह ऐसी चीज थी जिसे मैं हमेशा मिस करता था। जीवन में आठ-नौ बार ऐसा हुआ कि दो गेंद पर दो विकेट लिए हैं लेकिन हैट्रिक मिस कर दी। मुंबई के मैच में भी मौका था लेकिन यह मैच का हिस्सा है। हालांकि, कोलकाता के खिलाफ मैंने सोचा नहीं था कि हैट्रिक पूरी कर सकूंगा क्योंकि मैं उस गेंद को डाट गेंद के लिए डालने गया था। मैं नहीं चाहता था कि उस गेंद पर छक्का लगे लेकिन वो गेंद सही जगह गिरी और मेरी हैट्रिक पूरी हुई।
--आपकी पत्नी धनश्री लगातार आपके मैच देखने आ रही हैं, आपको इससे कितना समर्थन मिलता है और कितना अच्छा लगता है कि वह मैदान पर मौजूद रहती हैं?
-जब आपकी पार्टनर मैदान पर आपके समर्थन के लिए मौजूद रहती है तो काफी अच्छा लगता है। कई बार ऐसा होता है कि उनको खड़े ही रहना पड़ता है, पिछले मैच में वह हर समय खड़ी रहीं। काफी कठिन होता है लेकिन मुझे खुशी होती है कि वह मैदान पर रहती हैं क्योंकि जब भी मैं उन्हें देखता हूं, मैं इसका आनंद लेता हूं। अच्छा लगता है जब आपका कोई करीबी आपके विकेट लेने का लुत्फ उठा रहा है।