सुनील गावस्कर ने बताया- मुंबई के खिलाफ हैदराबाद इन दो खिलाड़ियों को दे मौका, बदल सकता है नतीजा
हैदराबाद के लिए ये काम करना आसान नहीं होगा क्योंकि अब उसे गत चैंपियन मुंबई से भिड़ना है जिसने अपने पिछले मैच में कोलकाता को जीत से रोका था। दबाव के पलों में दिखाया गया स्वभाव आपकी पहचान बनता है।
सुनील गावस्कर का कॉलम। बेशक ये अभी शुरुआती दिन ही हैं, लेकिन लगातार दो मैचों में हार ने हैदराबाद की परेशानी तो बढ़ा ही दी है। हार और जीत खेल का हिस्सा होती हैं, लेकिन जब कोई टीम जीतने की स्थिति में होने के बावजूद हार जाए तो टीम में तनाव और संदेह का माहौल घर करने लगता है। फिलहाल हैदराबाद को इसी के खिलाफ निपटने की जरूरत है।
हैदराबाद के लिए ये काम करना आसान नहीं होगा क्योंकि अब उसे गत चैंपियन मुंबई से भिड़ना है, जिसने अपने पिछले मैच में कोलकाता को जीत से रोका था। दबाव के पलों में दिखाया गया स्वभाव आपकी पहचान बनता है। जब जरूरी रन रेट चढ़ रहा होता है तब कथित बिग हिटर्स का स्वभाव नजर आता है। पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़े शॉट लगाना, लक्ष्य का पीछा करते हुए ऐसा करने से ज्यादा आसान होता है। लीग में इतने सालों से हम ऐसा ही देखते आ रहे हैं।
इस काम में ये जरूरी नहीं है कि जो चीज किसी एक खिलाड़ी के लिए काम कर रही हो वो अन्य पर भी उसी तरह लागू हो। वो इसलिए क्योंकि हर खिलाड़ी की शारीरिक सरंचना, बल्लेबाजी की ग्रिप, बल्ले की गति अलग-अलग होती है। इसलिए अगर हार्दिक पांड्या क्रीज में काफी अंदर तक जाकर सहजता से गेंद को छक्के के लिए पहुंचा देते हैं तो जरूरी नहीं कि अन्य बल्लेबाजों को भी क्रीज का इस्तेमाल करते हुए यही नतीजा मिले। ये ठीक ऐसा ही है कि जैसे स्टीव स्मिथ स्टंप्स छोड़कर शॉट खेलते हैं और तीनों प्रारूपों में उनके लिए इस तरीके ने अच्छा काम किया है।
दुर्भाग्य से कई बल्लेबाजों ने हार्दिक के स्टाइल को कॉपी करने की कोशिश की और इसी चक्कर में बाउंड्री लाइन पर कैच होने वाले बल्लेबाजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। वो इसलिए क्योंकि इस शॉट को लगाते वक्त टाइमिंग और ताकत का संतुलन उनके पास नहीं था जो मुंबई के ऑलराउंडर के पास है। दूसरा तरीका एक पैर हटाकर बड़े शॉट के लिए जगह बनाने का है, लेकिन अगर पिच धीमी हो तो स्पिन होकर दूर जाती गेंद पर बल्ले का किनारा लगकर कैच हवा में उछलने का खतरा रहता है। ऐसे में मिडविकेट की ओर एक पैर निकालकर खेलने की बजाय नॉन स्ट्राइकर की ओर ऐसा करने से सफलता के अवसर ज्यादा रहते हैं।
हैदराबाद को अपनी बल्लेबाजी मजबूत करने के लिए युवा प्रियम गर्ग को टीम में शामिल करने की जरूरत है। इसके अलावा ऑलराउंडर अभिषेक शर्मा को भी लिया जाना चाहिए, जो बायें हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी कर सकते हैं। टीम की गेंदबाजी भुवनेश्वर कुमार, राशिद खान और टी नटराजन के सुरक्षित हाथों में हैं और अब तो जेसन होल्डर ने भी शानदार मौजूदगी दर्ज कराई है।मुंबई की टीम उम्मीद कर रही होगी कि उसके कप्तान रोहित शर्मा और ओपनर क्विंटन डिकॉक जल्द ही फॉर्म हासिल कर लें, ताकि ये दोनों मुकाबले को विपक्षी टीम से दूर ले जा सकें।
टीम ने मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए अपनी पहली जीत दर्ज की और आने वाले दिनों में अच्छा खासा धूमधड़ाका देखने को मिल सकता है। इस साल का संस्करण सबसे ज्यादा रोमांचक और प्रतिस्पर्धी बनने जा रहा है क्योंकि मौजूदा टूर्नामेंट के अधिकतर मैचों का नतीजा आखिरी ओवर में निकला है। जरा सोचिए, ये तो अभी शुरुआत ही है। निश्चित रूप से प्रशंसकों के लिए ये टूर्नामेंट यादगार रहने वाला है।