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IPL 2020: रिटायरमेंट के बाद MS Dhoni के प्रशंसकों को अब भी है उनकी जादुई पारी का इंतजार

IPL 2020 धौनी के करोड़ों प्रशंसक शायद यही कह रहे कि शुक्र है जो आइपीएल है। इसके जरिये ही सही माही के मैजिक के एक और दौर का दीदार अब भी किया जा सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 09:35 AM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 09:35 AM (IST)
IPL 2020: रिटायरमेंट के बाद MS Dhoni के प्रशंसकों को अब भी है उनकी जादुई पारी का इंतजार
IPL 2020: रिटायरमेंट के बाद MS Dhoni के प्रशंसकों को अब भी है उनकी जादुई पारी का इंतजार

मनमोहन हर्ष। IPL 2020 क्रिकेट की दुनिया में करिश्माई प्रदर्शन से अमिट छाप छोड़ने वाले महेंद्र सिंह धौनी ने जीवन की नई राह को चुनने का निर्णय ले लिया है। मैदान पर अपनी जुदा शैली, कुशल नेतृत्वकार के रूप में टीम इंडिया की रिकॉर्ड सफलताओं के सूत्रधार बन संचित की गई कैप्टन कूल की छवि और माइंड गेम खेलते हुए अपनी रणनीति से प्रतिद्वंद्वियों को नाको चने चबवाने में माहिर रहे माही का करियर लीक से हटकर ऐसे ही फैसलों की नजीर रहा है।

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जीवन और खेल के प्रति इसी खास नजरिये ने धौनी को हर क्षेत्र में सिरमौर बनाया। जीत के जश्न हों या विपरीत हालातों से मुकाबलों की घड़ी, वास्तविकता का दामन थाम कर धरातल पर खड़े रहना उन्हें खूब रास आया। न तो सफलताओं का आवेग और न ही असफलता के स्वाभाविक लम्हे कभी माही को अपने लक्ष्य से डिगा पाए। माही के करियर पर निगाह डालें तो उनके द्वारा उकेरा गया यह सच भी पढ़ने को मिल जाएगा कि जीवन बुलंदिया छूने के बाद सही समय पर भूमिकाओं से निवृत्त होने का भी नाम है।

धौनी ने सही टाइमिंग की बदौलत बल्लेबाजी में तो मैजिक पैदा किया ही, इसी समयबद्धता को सफलता के टूल के रूप में इस्तेमाल करते हुए उन्होंने मैदान और मैदान के बाहर सभी को चौंकाने वाले मगर अनूठे फैसले लिए, जिसने उनको विश्व के महान क्रिकेटरों के बीच अलग मुकाम दिलाया है। अपने करियर में हर मोड़ पर सुनियोजित और सही फैसले लेकर उन्होंने सदैव अलग मिसाल कायम की। नि:संदेह धौनी ने देश के लिए खेलते हुए प्रतिबद्धताओं के उच्च मानदंड कायम किए हैं। धौनी ने जब खुद उचित समझा तब बिना किसी मोह और लागलपेट के भारतीय टीम ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट को भी नई दिशा देने में अपना किरदार बखूबी निभाया।

कप्तान के तौर पर उनके ऐसे ही कई फैसले थे, जिनके कारण उन पर आरोप लगे कि कुछ दिग्गज क्रिकेटरों को समय से पूर्व टीम से बाहर कर दिया गया। ऐसे आरोपों पर धौनी का कभी प्रत्यक्ष रूप से पक्ष सामने नहीं आया, लेकिन उनके ऐसे निर्णयों का टीम इंडिया के उज्ज्वल भविष्य से गहरा सरोकार रहा। फिर जब हम इस बात को देखते हैं कि स्वयं उन्होंने अपने को लेकर भी बड़ी निर्दयता से कठोर फैसले लिए और नौजवान एवं प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की राह से खुद को लगातार अलग करते चले गए तो कौन उन पर पक्षपात का दोष मढ़ सकता है। धौनी ने भारतीय क्रिकेट में जो मुकाम हासिल किए हैं उसे देखते हुए यदि वे तय कर लेते तो उन्हें आगामी टी-20 वल्र्ड कप में फिर से हाथ आजमाने से कौन रोक पाता। मगर आखिरकार उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उनके करोड़ों प्रशंसक शायद यही कह रहे कि शुक्र है जो आइपीएल है। इसके जरिये ही सही, माही के मैजिक के एक और दौर का दीदार अब भी किया जा सकता है।

(लेखक खेल समीक्षक हैं)


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