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IPL 2020: डगआउट में बैठे बेहतरीन खिलाड़ी, मौका मिलने पर चमक बिखेरने को तैयार- एबी

एबी ने कहा कि इस सत्र में कुछ विश्व स्तरीय खिलाड़ी अभी दरकिनार हैं। डेविड मिलर बेहतरीन विध्वंसक और आक्रामक बल्लेबाज हैं जिन्होंने दुनियाभर के गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाई हैं लेकिन उन्होंने इस सत्र में राजस्थान रॉयल्स के लिए सिर्फ एक मैच खेला है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 06:21 PM (IST)
IPL 2020: डगआउट में बैठे बेहतरीन खिलाड़ी, मौका मिलने पर चमक बिखेरने को तैयार- एबी
आरसीबी के बल्लेबाज एबी डिविलियर्स (फाइल फोटो)

(एबी डिविलियर्स का कॉलम)

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उन्हें आप आइपीएल के गुमनाम खिलाड़ी कह सकते हैं, लेकिन अगर इनमें से कोई अपनी परछाई से बाहर निकलकर आने वाले मैचों में अहम भूमिका निभाए तो हैरान मत होना। वजह आसान सी है.. आइपीएल की हर टीम को अधिकतम आठ विदेशी खिलाड़ी साइन करने की अनुमति है, लेकिन उनमें से अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ी ही अंतिम एकादश में शामिल किए जा सकते हैं।

इस वजह से आइपीएल मुकाबलों के हर राउंड में टीमों के 32 विदेशी खिलाड़ी डगआउट में बैठे देखे जा सकते हैं। इस इंतजार में कि कब उन्हें कोई मौका मिले और वे साबित कर पाएं कि वो क्या कर सकते हैं। कोच और कप्तान चयन में निरंतरता चाहते हैं, ऐसे में कोई खिलाड़ी एक बार बाहर हो जाए तो फिर टीम में वापसी की उसकी राह मुश्किल हो जाती है।

इस सत्र में कुछ विश्व स्तरीय खिलाड़ी अभी दरकिनार हैं। डेविड मिलर बेहतरीन विध्वंसक और आक्रामक बल्लेबाज हैं, जिन्होंने दुनियाभर के गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाई हैं लेकिन उन्होंने इस सत्र में राजस्थान रॉयल्स के लिए सिर्फ एक मैच खेला है। एक ऐसी टीम में जिसमें स्टोक्स, बटलर, स्मिथ और आर्चर के रूप में चारों विदेशी खिलाड़ी पक्के हैं।

इमरान ताहिर ने पिछले साल सीएसके के लिए 26 विकेट लिए थे और टीम को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी मगर इस साल उन्होंने अब तक केवल एक मैच खेला है। वो इसलिए क्योंकि चेन्नई ने चार विदेशी खिलाड़ियों में कुर्रन, वॉटसन, ब्रावो और डुप्लेसिस को जगह दी। एडम जांपा ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए अपनी उपयोगी साबित की है, लेकिन आरसीबी के लिए वह आइपीएल में अपने अभियान का आगाज नहीं कर सके हैं। कई बेहतरीन भारतीय खिलाड़ी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।

अजिंक्य रहाणे आइपीएल इतिहास के शानदार खिलाडि़यों में शुमार होते हैं, लेकिन उन्हें कुछ ही मैच खेलने को मिले हैं। हर क्रिकेटर उतनी ही कड़ी मेहनत करता है, जितनी कि कोई और खिलाड़ी। उन्हें ये पता होता है कि उन्हें खेलने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा क्योंकि बुलावा कभी भी आ सकता है। और ऐसे में जबकि टूर्नामेंट अपने प्लेऑफ चरण की ओर बढ़ रहा है तो इनमें से कुछ खिलाड़ियों का बुलावा आ सकता है।

साथ ही ये खिलाड़ी अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं भी होते हैं तब भी इस बात की अहमियत समझते हैं कि वे बाहर बैठकर क्या भूमिका निभा सकते हैं। टीम में एनर्जी बरकरार रखना भी इसका हिस्सा है। ट्रेनिंग में होड़ करना और जो अंतिम एकादश में शामिल हैं, उनका हौसला बढ़ाना। अक्सर ये कहा जाता है और जो सच भी है, कि प्रोफेशनल स्पो‌र्ट्स में टीम मैच जीत सकती है, लेकिन वो खिताब पूरा दल जीतता है। देखते हैं, इस साल कौन सा खिलाड़ी अपनी परछाई से बाहर आकर जलवे बिखेरता है। 


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