IPL 2020: टूर्नामेंट के अंत में एक अवॉर्ड पिच क्यूरेटर का भी बनता है- हर्षा भोगले
हर्षा भोगले ने अपने कॉलम में कहा कि आइपीएल 2020 में बेहतरीन क्रिकेट की एक बड़ी वजह यहां की पिच भी हैं। हालांकि इस बात को लेकर डर था कि दो महीने तक यहां काफी क्रिकेट खेला जाएगा और इतनी गर्मी में पिच सूख जाएंगी और धीमी हो जाएंगी।
[हर्षा भोगले का कॉलम]। पिछले कुछ हफ्तों में जो क्रिकेट मैंने देखी है उसने मुझे बेहद खुशी तो दी ही, इसे लेकर एक विचार भी मेरे मन में है। पहले खुशी की बात करते हैं। हमने कड़ा, प्रतिस्पर्धी क्रिकेट देखा तो बेहतरीन फिनिश और बहुत सारा ड्रामा भी। उन सभी पलों के हम गवाह बने जिसकी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टी-20 लीग से उम्मीद की जाती है। हमने कई युवा खिलाडि़यों को सामने आते और परिपक्व होते देखा।
कुछ को अपनी कमियां सुधारते देखा तो कुछ ने अपने सांस रोक देने वाले प्रदर्शन से हमें हैरान किया मगर मुझे सबसे ज्यादा खुशी गेंदबाजों के प्रदर्शन से हुई। इस लीग में गेंदबाज गेंद हाथ में लेकर छाती फुलाकर तेज रफ्तार से गेंदबाजी करने के लिए दौड़ते दिख रहे हैं, न कि ऐसे गेंदबाज के तौर पर जो गेंद फेंककर खुद को बल्लेबाज के रहम पर छोड़ देता है।
बेहतरीन क्रिकेट की एक बड़ी वजह यहां की पिच भी हैं। हालांकि इस बात को लेकर डर था कि दो महीने तक यहां काफी क्रिकेट खेला जाएगा और इतनी गर्मी में पिच सूख जाएंगी और धीमी हो जाएंगी। इतनी धीमी कि यहां औसत स्कोर 130 तक आ जाएगा मगर इनमें से कुछ भी नहीं हुआ। पिच अब भी शानदार हैं। जो गेंदबाज तेजी से गेंद को पिच से टकरा रहे हैं वो कई मौकों पर बल्लेबाज को मुश्किल में डाल रहे हैं।
जब टूर्नामेंट खत्म होने के बाद पुरस्कार दिए जाएंगे तब एक पुरस्कार पिच क्यूरेटर का भी बनता है। अब बात करते हैं दूसरे पहलू की। इस स्तर के टूर्नामेंट को देखकर संकेत मिलता है कि इसे कितने बेहतरीन तरीके से आयोजित किया गया है। ऐसे माहौल में जहां गेंदबाजों को उनकी धार मिली है, मैं गेंद को थोड़ा और स्विंग होते देखना चाहता हूं। फिलहाल आपको कुछ ही गेंदें ऐसी दिख रही हैं जो स्विंग होती नजर आती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं।
हो सकता है कि गेंदबाज इसके लिए प्रयास ही नहीं कर रहे हैं या शायद उन्हें बल्लेबाजों के पैड पर गेंद फेंकने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन अगर इन गेंदों में अधिक समय तक स्विंग बरकरार रहती तो हमें इससे भी ज्यादा प्रतिस्पर्धी क्रिकेट देखने को मिलता। मैं समझता हूं कि गेंद मशीनों से बनती हैं, लेकिन मुझे लगता है कि इस स्तर के टूर्नामेंट में इस्तेमाल किए जानी वाली गेंदों को लेकर आप गेंद उत्पादक को बता सकते हैं कि आपको इनमें क्या खासियतें चाहिए।
गेंदों के बड़े ऑर्डर को देखते हुए मुझे लगता है कि गेंद निर्माता को इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। मैं इस बात को लेकर पूरी तरह आश्र्वस्त हूं कि अगर गेंद में थोड़ी और स्विंग होगी और स्पिनरों को और ग्रिप मिलेगी तो हमें अब जो बेहतरीन क्रिकेट देखने को मिल रहा है, उससे भी बेहतर खेल देखने को मिलेगा।