BCCI और IPL फ्रेंचाइजी टीमें आमने सामने, विदेश में आयोजन पर मतभेद आया सामने
इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के 13वें सत्र को आयोजित कहां कराना है इसे लेकर लोग बंटे हुए हों लेकिन फ्रेंचाइजियां इस बात को लेकर साफ हैं कि वह लीग का आयोजन भारत में ही चाहती हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) में बेशक इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के 13वें सत्र को आयोजित कहां कराना है, इसे लेकर लोग बंटे हुए हों, लेकिन फ्रेंचाइजियां इस बात को लेकर साफ हैं कि वह लीग का आयोजन भारत में ही चाहती हैं। यह बात तब सामने आई है जब आइपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा कि अगर भारत में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति सुधरती नहीं है तो लीग का आयोजन बाहर करना एक विकल्प हो सकता है।
आइपीएल फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने कहा कि लीग का भारत में होना काफी अहम है, न सिर्फ फ्रेंचाइजी के लिए, बल्कि देश के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी। उन्होंने कहा, 'व्यवस्था के मुद्दे को एक मिनट के लिए छोड़ देते हैं। जरा सोचिए कि जब आप देश के बाहर आइपीएल ले जाओगे तो क्या संदेश दोगे? यही कि भारत में टूर्नामेंट कराने को लेकर स्थिति अच्छी नहीं है? इसका मतलब है कि हालात सामान्य नहीं हैं।
इस समय भारत में आइपीएल होने का मतलब है कि भारत में लोगों को उम्मीद देना। क्रिकेट यहां धर्म है और आप भारत में आइपीएल के सकारात्मक प्रभाव को नकार नहीं सकते, वो भी ऐसे समय में जब देश बुरे वक्त से गुजर रहा है। अब व्यवस्थात्मक मुद्दे पर आते हैं। यह बहुत बुरा होगा।
भारत में क्या होगा कि अगर विदेशी खिलाड़ी आएंगे तो उन्हें ही क्वारंटाइन करना होगा। लेकिन, अगर हम बाहर जाएंगे तो यह सुनिश्चित करना होगा कि हर टीम, जो 25-30 लोगों का समूह है वो क्वारंटाइन हो। यह ऐसे समय में तो अच्छी स्थिति नहीं है जब हम गेट मनी नहीं कमा रहे हैं सिर्फ प्रसारण से हमारे पास पैसा आएगा।'
अन्य फ्रेंचाइजी के एक और अधिकारी ने भी इस बात को लेकर हामी भरी और कहा कि अन्य बोर्डो से तो मेजबानी करने की अपील आ रही हैं, लेकिन फ्रेंचाइजी ने एक बार भी इसके बारे में नहीं सोचा।
उन्होंने कहा, '2009 में जब टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका गया था तो इसका वित्तीय असर एक साल तक रहा था। आप खर्च वहन करने को लेकर स्थिति को मत भूलिए कि यह बीसीसीआइ करेगी या फ्रेंचाइजी। 2014 में यूएई में हुआ आइपीएल ज्यादा बेहतर था क्योंकि आइपीएल का एक हिस्सा ही बाहर खेला गया था। लेकिन मौजूदा स्थिति में आप आधे आइपीएल को बाहर नहीं करा सकते। साथ ही आपको यह ध्यान रखना होगा कि फ्रेंचाइजियों और बीसीसीआइ ने आइपीएल बाहर ले जाने का प्रस्ताव नहीं रखा है।
विदेशी बोर्डो ने आमंत्रण भेजे हैं। फ्रेंचाइजी होने के नाते हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि आइपीएल भारत में हो क्योंकि इसकी पहचान भारत से है। 'एक और फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा, 'इस बार मेल-मुलाकात वाले सत्र तो होंगे नहीं और मैदान के बाहर होने वाली गतिविधियां भी नहीं होंगी। आइपीएल में स्पांसर इंगेजमेंट बड़ा हिस्सा है, लेकिन यह इस बार नहीं होगा और होगा भी तो बहुत नियंत्रित तरीके से। इसलिए कंपनी जिसका व्यवसाय यूएई या श्रीलंका में नहीं है तो वो आइपीएल को बाहर क्यों ले जाएगी। ब्रांड वेल्यू पर पहले ही मार पड़ी है क्योंकि मैच सिर्फ टेलीविजन पर ही देखे जा सकेंगे।'