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इंजमाम ने किया खुलासा, किस तरह से एक कमजोर टीम के साथ उन्होंने बेंगलुरु टेस्ट में भारत को हराया था

इंजमाम उल हक ने अपने करियर के 100वें टेस्ट मैच में भारत को हराकर इसे यादगार बना दिया था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 09:52 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 09:52 PM (IST)
इंजमाम ने किया खुलासा, किस तरह से एक कमजोर टीम के साथ उन्होंने बेंगलुरु टेस्ट में भारत को हराया था
इंजमाम ने किया खुलासा, किस तरह से एक कमजोर टीम के साथ उन्होंने बेंगलुरु टेस्ट में भारत को हराया था

नई दिल्ली, प्रेट्र। साल 2005 में बेंगलुरु में भारत और पाकिस्तान के बीच जो टेस्ट मैच खेला गया था उसे एक यादगार टेस्ट के तौर पर हमेशा याद किया जाता है। अब इस टेस्ट मैच को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने कुछ अहम बातें साझा की हैं। इंजमाम ने बताया कि इस मैच में मेरे कुछ फैसले से उस वक्त टीम के कोच बॉल बुल्मर नाराज हो गए थे, लेकिन हमने एक कमजोर टीम के साथ इस मैच को जीतकर उनकी नाराजगी दूर कर दी और सीरीज को बराबर कर लिया। उस साल पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आई थी और तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर रही थी। 

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इंजमाम उल हक ने कहा कि ये मेरा 100वां टेस्ट मैच था। जब हम भारत दौरे पर जा रहे थे तब यही कहा जा रहा था कि ये पाकिस्तान की काफी कमजोर टीम है और भारत आसानी से इसे टेस्ट सीरीज में हरा देगा। इस मैच में हमने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और 570 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में 449 रन पर ऑल आउट हो गई। इसके बाद पाकिस्तान ने दूसरी पारी में दो विकेट पर 261 रन बनाए और पारी की घोषणा कर दी जिसे बूल्मर ने सही नहीं माना था। 

इंजमाम ने कहा कि हमने अपने कोच को ये मैसेज भेजा कि हम कुछ ओवर भारत को देना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि कप्तान और उप-कप्तान इस पर फैसला ले सकता है। इसके बाद मैंने यूनिस से पूछा तो वो मान गए और हमने चांस लेते हुए पारी की घोषणा कर दी। जब मैं मैदान से वापस आया तो बूल्मर ने कहा कि उन्हें ये लगता है कि पारी की घोषणा इतनी जल्दी करना सही फैसला नहीं है। इसके बाद उन्होंने कहा कि ये मेरा फैसला था क्योंकि हम ये मैच जीतना चाहते थे। 

उस दिन भारत ने कोई विकेट नहीं गंवाया, लेकिन वो नकारात्मक सोच के साथ लौटे थे। मुझे लगता था कि सहवाग ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमसे मैच दूर ले जा सकते हैं। मैंने अपनी टीम से कहा कि अगर हमने सहवाग का विकेट ले लिया तो भारत इस रन के चेज नहीं कर पाएगा। इसके बाद खेल के अगले दिन रज्जाक ने सहवाग को आउट कर दिया और फिर मैंने सोचा कि अगर रज्जाक सहवाग को आउट कर सकता है तो ये हमारा दिन है। इस विकेट के बाद भारत डिफेंसिव हो गया। फिर मैंने आक्रामक फील्डिंग सेट की और इसके बाद सचिन जैसे बल्लेबाज भी रन नहीं बना पा रहे थे। हमने ये मैच जीता और अपने करियर का 100वां टेेस्ट भी। ये उस टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच था और हम पहले 1-0 से पीछे थे, लेकिन हमने ये मैच जीतकर सीरीज 1-1 से बराबर कर ली। 

इंजमाम ने कहा कि बेंगलुरु टेस्ट मैच एक टीम के तौर पर हमारे लिए काफी अहम था और ये मेरे लिए काफी स्पेशल क्षण था। उस दौरे पर हमारी टीम की गेंदबाजी अटैक ज्यादा ताकतवर नहीं थी, लेकिन एक कप्तान के तौर पर मैं उलझन में था कि हम किस तरह से भारत को ऑलआउट कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि उस वक्त कई खिलाड़ियों ने भारत दौरे पर जाने से मना कर दिया था और उन्हें ये लगता था कि वहांं मिली हार से मैं पाकिस्तान क्रिकेट टीम की कप्तानी से हाथ धो लूंगा। इस टीम के अहम खिलाड़ियों ने भारत दौरे पर जाने से मना कर दिया था और भारत की मजबूत बल्लेबाजी के सामने हमारी गेंदबाजी काफी कमजोर थी। मुझे लगता है कि उन खिलाड़ियों को ये लगता था कि इस दौरे पर मिली हार के बाद मुझसे कप्तानी छीन ली जाएगी और उन्हें कप्तान बनने का मौका मिल सकता है। 


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