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World Cup 2019: ' भारतीय मध्य क्रम के पास जीत दिलाने का मौका था पर वो चूक गए'

world cup 2019 लक्ष्मण ने कहा कि एक बार जब 240 रनों का पीछा करते हुए शीर्ष क्रम ढह गया तो मध्य क्रम के पास जीत दिलाने का बड़ा मौका था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 08:24 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 08:24 PM (IST)
World Cup 2019: ' भारतीय मध्य क्रम के पास जीत दिलाने का मौका था पर वो चूक गए'
World Cup 2019: ' भारतीय मध्य क्रम के पास जीत दिलाने का मौका था पर वो चूक गए'

(वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम)

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विश्व कप के दोनों सेमीफाइनल मुकाबलों में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की जीत के पीछे नई गेंद का स्पैल वजह रही। मैट हेनरी और ट्रेंट बोल्ट ने रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली को आउट करके करोड़ों भारतीयों के दिल तोड़ दिए। तब बोर्ड पर सिर्फ पांच रन जुड़े थे। वहीं क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर ने आरोन फिंच और डेविड वार्नर को आउट करके ऑस्ट्रेलिया के खिताब को बचाने के सपने को तोड़ दिया। वहीं भारतीय टीम भी सेमीफाइनल में पहुंचकर पूरे टूर्नामेंट में पहली बार ऑलआउट हुई। टीम अपने लीग स्तर के प्रदर्शन को देख सकती है, वहां वह शीर्ष पर थी। कीवियों के खिलाफ उन्होंने एक बार दोबारा अच्छी गेंदबाजी की।

एक बार जब 240 रनों का पीछा करते हुए शीर्ष क्रम ढह गया, तो मध्य क्रम के पास जीत दिलाने का बड़ा मौका था। उनके लिए यह चुनौती बहुत मुश्किल थी, क्योंकि वे गेंदबाजी बहुत अच्छी कर रहे थे और रन रेट लगातार बढ़ता जा रहा था। भारतीय टीम जीत सकती थी जब धौनी और रवींद्र जडेजा टूर्नामेंट में पहली बार साथ में बल्लेबाजी कर रहे थे, वे दोनों नामुमकिन को मुमकिन करने के बहुत करीब थे। जडेजा को देखना लाजवाब था और उनकी गेंद को मारने की क्षमता को देखकर लगा कि उनकी टीम में क्या हैसियत है। धौनी बेहद शांत और बेफिक्र नजर आ रहे थे, लेकिन मार्टिन गुप्टिल ने उन्हें शानदार तरीके से रन आउट करके उनकी पारी और भारत की उम्मीदों को तोड़ दिया।

यही ऑलराउंड प्रदर्शन न्यूजीलैंड को कई वर्षो से जीत दिलाता आया है। वे ज्यादा चमक-धमक वाले नहीं लगते, ना ही वे आपकी पसंदीदा टीम में होंगे, लेकिन वे कई बार नॉकआउट से बाहर हुए हैं, जिस पर गौर नहीं किया गया। केन विलियमसन और रॉस टेलर ने शानदार बल्लेबाजी की। दोनों वरिष्ठ खिलाडि़यों ने पिच को अच्छे से समझ लिया था। केन की कप्तानी भी अच्छी रही। उन्हें अच्छे से पता था कि अगर टीम इंडिया को रोकना है तो विकेट ही लेने होंगे। ऐसे में उन्होंने क्षेत्ररक्षण में आक्रामक रुख अपनाया।

दूसरे सेमीफाइनल के नजदीकी होने की उम्मीद थी, लेकिन कंगारुओं के सलामी बल्लेबाजों के आउट होते ही उनकी पोल खुल गई। स्टीव स्मिथ ने लड़ाई लड़ी और एलेक्स कैरी ने आर्चर की गेंद ठोड़ी पर लगने के बावजूद गजब का जज्बा दिखया। लेकिन 223 रन इस नई इंग्लैंड की टीम को टेस्ट करने के लिए काफी नहीं थे। जेसन रॉय ने इस बार भी हमला जारी रखा, वहीं जॉनी बेयरस्टो, जो रूट और इयोन मोर्गन ने कंगारुओं को खत्म कर दिया। खिलाड़ी दर खिलाड़ी देखा जाए तो इंग्लैंड एक मजबूत टीम दिखती है। उन्हें घरेलू प्रशंसकों का भी फायदा मिलेगा। उन्हें परिस्थितियों की अच्छे से समझ भी है। लेकिन यदि इंग्लैंड को कोई हरा सकता है तो वह न्यूजीलैंड की टीम ही है। मुझे लगता है कि यह एक मजेदार मैच होगा। हमें रविवार को एक नया विजेता मिलेगा।


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