बेहद खुश हैं भारतीय कप्तान विराट कोहली, ऑस्ट्रेलिया को दे दी बड़ी चुनौती
विराट कोहली दूसरे टेस्ट मैच की पिच पर दिख रही घास से परेशान होने की जगह उत्साहित हैं।
पर्थ। भारत में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो पिच पर घास देखकर बल्लेबाजी करने से कतराते थे, लेकिन भारतीय कप्तान विराट कोहली दूसरे टेस्ट मैच की पिच पर दिख रही घास से परेशान होने की जगह उत्साहित हैं। भारतीय कप्तान ने तो उलटे ऑस्ट्रेलिया को ही एक तरह से चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि इस पिच पर घास को बने रहने दिया जाएगा। कोहली का रुख हमेशा की तरह आक्रामक बना हुआ है और उन्होंने पिच पर बयान देकर ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश की है।
कोहली ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा कि हम जीवंत पिच देखकर परेशान होने के बजाय अधिक उत्साहित हैं। हम समझते हैं कि हमारे पास ऐसा गेंदबाजी आक्रमण है जो विरोधी टीम को आउट कर सकता है। उम्मीद है कि अब पिच से घास नहीं हटाई जाएगी। हम एक टीम के तौर पर इसे देखकर बहुत खुश हैं। हमने पिच देखी और उसमें काफी घास है। इस पिच पर एडिलेड ओवल मैदान से ज्यादा घास है और मैं इससे खुश हूं। यह पिच गेंदबाजों के लिए अधिक मददगार साबित होगी और ऐसे में हम सकारात्मक मानसिकता के साथ दूसरे टेस्ट मैच के लिए मैदान पर उतरेंगे।कप्तान कोहली का यह भी मानना है कि बड़ा स्कोर बनाने का कोई लाभ नहीं है, अगर टीम के गेंदबाज अपनी भूमिका को सही तरीके से नहीं निभा सकते हैं। इसमें गेंदबाजों के लिए दोनों पारियों में 20 के 20 विकेट लेना जरूरी है।
उन्होंने कहा, 'किसी भी टेस्ट मैच में आप तभी जीत की दावेदारी को प्रबल कर सकते हैं, जब आप 20 विकेट हासिल कर लें। आप चाहें 500 या 600 रन बनाएं, उसका कोई फायदा नहीं है अगर गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन यदि गेंदबाज 20 विकेट लेने में सक्षम हैं, तो 300 रनों का स्कोर भी काफी होता है। मैं खुश हूं कि हमारे पास ऐसे अच्छे गेंदबाज हैं, जिनमें 20 विकेट लेने का जुनून है। हम इस तरह की पिचों से अनभिज्ञ नहीं हैं और यह हमारे लिए नई नहीं हैं। पिछले तीन दौरों में हमारे गेंदबाजों ने जैसी गेंदबाजी की वह शानदार है। वे विकेटों के भूखे हैं और आसानी से रन नहीं देते। हमें केवल एक जीत से संतुष्ट या आत्ममुग्ध नहीं होना चाहिए। हमें सीरीज जीतने के लिए अच्छा प्रदर्शन जारी रखना होगा।
विदेशों में खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन स्वदेश में भी मैच जीतने के लिए आपको लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है। हम इस पर काम कर रहे हैं। भारतीय कप्तान से जब इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में खेले गए तीसरे टेस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं पिछले 10 वर्षो से दुनिया भर में खेला हूं और ईमानदारी से कहूं तो जोहानिसबर्ग जैसे विकेट पर मैं कभी नहीं खेला।