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मैच के बाद विजय शंकर खुद को कमरे में बंद कर लिया था, विलेन बनने से बचे थे

निदाहास ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन पर युवा आलराउंडर विजय शंकर ने अपनी उस पारी पर बड़ा बयान दिया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 07:20 AM (IST)
मैच के बाद विजय शंकर खुद को कमरे में बंद कर लिया था, विलेन बनने से बचे थे
मैच के बाद विजय शंकर खुद को कमरे में बंद कर लिया था, विलेन बनने से बचे थे

नई दिल्लीं, प्रेट्र। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं जब खिलाड़ी के पास हीरो बनने का चांस होता है। कुछ खिलाड़ी तो इस मौके को भुना ले जाते हैं, लेकिन कुछ दुर्भाग्यपूर्ण होते हैं जो यह सुनहरा अवसर गवां देते हैं। ऐसा ही एक सुनहरा अवसर निदाहास ट्रॉफी फाइनल में भारतीय टीम के ऑलराउंडर विजय शंकर को मिला था, मगर वो इसका फायदा नहीं उठा सके।

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18 मार्च को बांग्लादेश के खिलाफ हुए इस खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम ने जहां से मैच में वापसी की वो सचमुच काबिले तारीफ थी। विजय शंकर ने मैच के 18वें ओवर में मुस्ताफिजुर रहमान के ओवर में लगातार 4 गेंदें डाट खेलीं और यह मैच देखते ही देखते बांग्लादेश के पाले में चला गया। हालांकि कार्तिक ने आखिरी क्षणों में मैच जिताऊ पारी खेलकर जीत भारत की झोली में डाल दी। मैच के बाद शंकर की खूब आलोचना हुई लेकिन जीत के जश्न में सबकुछ भुला दिया गया।

अब अपने इस खराब प्रदर्शन पर युवा आलराउंडर खिलाड़ी ने अपनी उस पारी पर बड़ा बयान दिया है। शंकर ने बताया कि, 'वह ताउम्र इस मैच को नहीं भूल पाएंगे। यह एक खराब दिन था। मैं इससे बाहर आना चाहता हूं। पूरा टूर्नामेंट मेरे लिए शानदार गुजरा था मगर आखिरी मैच में सबकुछ बदल गया। मुझे पता है कि बतौर खिलाड़ी मुझे इस सदमे से बाहर आना होगा।'

सोशल मीडिया पर शंकर की हुई खिंचाई

शंकर ने सोशल मीडिया पर हो रही अपनी खिंचाई पर कहा कि, 'मुझे पता है कि जब आप टीम इंडिया के लिए खेलते हैं तो इन सबका सामना करना पड़ता है। फाइनल मैच में जब मैं रन नहीं बना पाया तो मुझे ट्रोल किया जा रहा। वहीं अगर मैं यह मैच जीता देता तो यही लोग मेरी बढ़ाई करते।' खैर यह सबकुछ जिंदगी का अनुभव है इससे दूर नहीं भागा जा सकता।' 27 वर्षीय शंकर आगे कहते हैं कि, 'मैंने हीरो बनने का अवसर गंवा दिया। मुझे खेल को खत्मी करना चाहिए था मगर वो मौका हाथ से निकल गया। हालांकि मैच खत्मव होने के बाद कप्ताईन रोहित और कोच रवि ने मुझे समझाया कि जब सबकुछ ठीक रहा तो मुझे अतिरिक्तप सोचने की कोई आवश्य कता नहीं'।

आईपीएल में अच्छा‍ प्रदर्शन करना है

विजय शंकर घरेलू क्रिकेट में एक बेहतरीन आलराउंडर हैं। वो अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान करते हैं और टीम के लिये विकेट भी निकालते हैं, वहीं बल्लेबाजी में वो टीम के लिये बड़ी हिट्स भी लगाते हैं। बांग्लातदेश के खिलाफ फाइनल में भी शंकर बड़ी हिट लगाने की सोच रहे थे, जबकि उन्हें स्ट्राइक भी रोटेट करना चाहिए था। शंकर ने बताया कि, उस दिन मैं लंबे शॉट लगाने की सोच रहा था। मगर मुस्त फिजुर रहमान ने बढ़िया गेंदबाजी की।' भारतीय टीम में दोबारा मौका मिलेगा कि नहीं इसके जवाब में शंकर ने कहा, 'वह सेलेक्श न के बारे में कभी नहीं सोचते। आगे आईपीएल आने वाला है और मेरा पूरा फोकस आईपीएल में अच्छेे प्रदर्शन पर होगा।'

दिनेश कार्तिक भी कर चुके हैं शंकर का बचाव

दिनेश कार्तिक भी शंकर का बचाव कर चुके हैं। कार्तिक ने कहा, ‘विजय शंकर के पास कौशल है। उसने गेंदबाज के रूप में वास्तव में बेहतरीन प्रदर्शन किया। जो बल्लेबाजी आलराउंडर हो उसने दबाव में अच्छा खेल दिखाया। मुझे उसका भविष्य उज्ज्वल दिखाई देता है। उसका रवैया अच्छा है। वह विशेष प्रतिभा का धनी है और वह लंबे समय तक खेल सकता है।’

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