शेफाली ने क्रिकेट खेलने के लिए लड़की से बनाया लड़के का रूप, पहला अर्धशतक जमाते ही सचिन तेंदुलकर को छोड़ा पीछे
शेफाली वर्मा ने भारत की तरफ से महज 15 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू कर नया इतिहास रचा। उनके पिता ने बताया कि लड़की होने की वजह से उनको क्रिकेट अकादमी में दाखिला नहीं मिला था।
रोहतक, एएनआइ। 15 साल की क्रिकेट सनसनी शेफाली वर्मा ने रोहतक में लड़कियों के लिए क्रिकेट अकादमी नहीं होने की वजह से लड़का बनकर क्रिकेट अकादमी में प्रवेश लिया था। उनके परिवार ने इस बात का रहस्योद्घाटन किया। उनके पिता ने कहा कि राज्य में सुविधाओं की कमी के बावजूद महिला क्रिकेटरों को प्रोत्साहित करने के लिए यह उनका फैसला था।
शेफाली को अकादमी की सुविधाओं का लुत्फ उठाने और क्रिकेट का प्रशिक्षण लेने के लिए लड़कों की तरह बाल कटवाने पड़े थे। शेफाली के पिता संजीव वर्मा ने बेटी के टी20 डेब्यू के बाद बताया, "शुरुआती दिनों में हमे कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। मैं उसे कई अकादमियों में ले गया, लेकिन लोगों ने यह कहकर मना कर दिया कि वह लड़की है। तब मैंने उसके बाल कटवाकर उसका एक अकादमी में दाखिला करवाया। मैं बहुत खुश हूं कि वह अब भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है।"
"यहां रोहतक में लड़कियों के लिए कोई अकादमी नहीं है, इसलिए मैंने उसके बाल कटवाए और उसे लड़के की तरह खेलने के लिए कहा। यहां तक कि हमने उसका नाम भी बदल दिया, लेकिन बाद में अकादमी के लोगों को असलियत का पता चल गया। भगवान की हम पर कृपा रही है और मुझे विश्वास है कि वह लंबे समय तक टीम में रहेगी। मुझे बेहद गर्व है कि मेरी बेटी ने यह उपलब्धि हासिल की। मेरी एक और बेटी है और वह भी शैफली की तरह ही दिखती है।"
शेफाली को इस साल की शुरुआत में महिला टी-20 चैलेंज में शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय टी-20 टीम में चुना गया था। टी-20 चैलेंज में वह दिग्गज मिताली राज की अगुआई में वेलोसिटी टीम के लिए खेली थीं। वह टी-20 अंतरराष्ट्रीय में अपने पदार्पण मैच में चार गेंदों पर बिना कोई रन बनाए आउट हो गई थीं, लेकिन उन्होंने चौथे मैच में मैच विजयी 46 रन की पारी खेली थी।