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भारत U19 टीम के यॉर्कर किंग कार्तिक त्यागी ने कहा- सफल होने के लिए संसाधन नहीं हौसला जरूरी

कार्तिक त्यागी का मानना है कि संसाधन कोई मायने नहीं रखता लक्ष्य पाने के लिए हौसला होना चाहिए।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:20 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:20 PM (IST)
भारत U19 टीम के यॉर्कर किंग कार्तिक त्यागी ने कहा- सफल होने के लिए संसाधन नहीं हौसला जरूरी
भारत U19 टीम के यॉर्कर किंग कार्तिक त्यागी ने कहा- सफल होने के लिए संसाधन नहीं हौसला जरूरी

जागरण संवाददाता, हापुड़। अंडर-19 विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम के यॉर्कर किंग तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी का मानना है कि संसाधन कोई मायने नहीं रखता, लक्ष्य पाने का जज्बा और हौसला होना चाहिए। मंजिल मिल ही जाती है। कैरियर में पिता के योगदान को याद कर वह भावुक हो गए। दक्षिण अफ्रीका में विश्वकप खेलकर गुरुवार को हापुड़ पहुंचने पर लोगों ने जगह-जगह फूल बरसाने के साथ फूलमाला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। खुली जीप में रोड शो निकाला गया।

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रोड शो के बाद पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि उनका सफर में काफी संघर्ष रहा, जिसमें पिता योगेंद्र त्यागी ने सबसे ज्यादा साथ दिया। उन्होंने प्रैक्टिस के लिए घेर (भैंसों के रखने की जगह) पर पक्की पिच बनवाकर जाल लगवा दिया, जहां प्रैक्टिस की। कार्तिक ने नम आंखों से बताया कि एक चोट से उबरने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए पिता ने जमीन भी बेच दी थी।

खेलों में और प्रतिभाओं को आगे आने के लिए जिले में संसाधनों की कमी के सवाल पर कार्तिक ने कहा कि जिले में एक भी स्टेडियम नहीं है, लेकिन कम संसाधनों में भी प्रतिभा को निखारा जा सकता है। कहा कि मैं युवाओं से यही कहूंगा कि जीवन साइकिल के पहिये की तरह है। पहिया कभी ऊपर जाता है और कभी नीचे जाता है। यानि हर दिन एक जैसा नहीं होता है। आप कभी अच्छा प्रदर्शन करते हैं और कभी खराब, लेकिन आप जिस क्षेत्र में हैं, उसमें 100 प्रतिशत मेहनत करनी चाहिए।

पाकिस्तान के खिलाफ मैच में था दबाव

अंडर-19 विश्वकप में प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में भारतीय टीम ने 10 विकेट से जीत हासिल की, लेकिन इससे पहले टीम पर जीतने का भारी दबाव था। जब वह मैदान में उतरे तो फोकस सिर्फ बेहतर प्रदर्शन करने पर था, जिसका नतीजा रहा कि पहले तो पाकिस्तानी टीम को सस्ते में आउट किया और फिर बिना विकेट खोए लक्ष्य प्राप्त कर लिया।

मां-पिता के अलावा गुरु दीपक चौहान का मार्गदर्शन अहम

कार्तिक त्यागी अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व स्वजन के साथ अपने मार्गदर्शक दीपक चौहान को भी देते हैं। ऐसा करके कार्तिक ने गुरु शिष्य की भारतीय परंपरा को भी सार्थक किया है। दीपक चौहान ने कहा कि कार्तिक त्यागी ने मंजिल पाने के लिए कड़ी मेहनत की।

कूच बिहार के बाद रणजी का सफर रहा टर्निंग प्वाइंट

17 वर्ष की उम्र में कार्तिक त्यागी ने कूच बिहार ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश की रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बनाई। इसके बाद उन्होंने विदर्भ के खिलाफ भी बेहतरीन गेंदबाजी की। इसके साथ ही कार्तिक की जिंदगी बदल गई। कार्तिक ने पहली बार पिछले वर्ष जून-जुलाई में अंडर-19 टीम में चयन हुआ। इसके बाद नवंबर 2019 में कार्तिक को इस वर्ष होने वाले आइपीएल-2020 में राजस्थान रॉयल्स ने 1.30 करोड़ रुपये में खरीदा है।


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