भारत को डेथ ओवर्स के गेंदबाज की तलाश, भज्जी ने कहा- भुवनेश्वर की जगह इन्हें देना चाहिए मौका
वर्ष 2007 विश्व कप टीम के सदस्य रह चुके हरभजन सिंह को लगता है कि मौजूदा फार्म और कौशल को देखते हुए दीपक चाहर को भुवनेश्वर पर तरजीह दी जानी चाहिए। वह मानते हैं कि टीम में दोनों को साथ रखने से आक्रमण थोड़ा एकतरफा दिखेगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और पाकिस्तान के बीच पिछली द्विपक्षीय सीरीज से भुवनेश्वर कुमार के पदार्पण को एक दशक हो चुका है, लेकिन यह कल की ही बात लगती है। भुवनेश्वर के अंतरराष्ट्रीय करियर की दूसरी ही दनदनाती गेंद से सलामी बल्लेबाज नासिर जमशेद को परेशान किया और फिर उनके स्टंप उखाड़ दिए थे। लेकिन पिछले दो वर्षों में वह इस तरह की गेंद नहीं फेंक पाए हैं। वह कुछ अच्छे 'स्पैल' डालते हैं, लेकिन अच्छी टीमों के खिलाफ यह करिश्मा या 'एक्स फैक्टर' दिखना बंद हो गया। उन्होंने 78 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं जिसमें उनका इकोनोमी रेट 7.02 ठीक ही लगता है लेकिन वह अंतिम ओवरों की जिम्मेदारी संभालने में इतने सफल नहीं रहे हैं।
भुवनेश्वर ने 2021 के बाद से भारत के लिए 23 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, लेकिन उन्हें केवल 15 विकेट ही मिले हैं। चिंता सिर्फ इतनी ही नहीं है बल्कि सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उन्होंने अंतिम ओवरों (17वें से 20वें ओवर के बीच) में 159 गेंद फेंकी हैं जिसमें उन्होंने 10.03 के इकोनोमी रेट से 266 रन लुटाए हैं। उन्होंने 23 अतिरिक्त रन दिए हैं, लेकिन इन 23 पारियों में उनके खिलाफ 20 चौके और 12 छक्के लगे हैं। ये आंकड़े संतोषजनक कतई नहीं हैं, बल्कि डराने वाले हैं क्योंकि टी-20 विश्व कप में वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ होंगे और इसमें टीम प्रबंधन अब भी मोहम्मद शमी के फिट होने के संबंध में निश्चित नहीं हैं।
वर्ष 2007 विश्व कप टीम के सदस्य रह चुके हरभजन सिंह को लगता है कि मौजूदा फार्म और कौशल को देखते हुए दीपक चाहर को भुवनेश्वर पर तरजीह दी जानी चाहिए। वह मानते हैं कि टीम में दोनों को साथ रखने से आक्रमण थोड़ा 'एकतरफा' दिखेगा। बल्कि हरभजन ने विश्व कप से पहले प्रत्येक गेंदबाज का विश्लेषण किया। जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति से भारतीय आक्रमण इतना प्रभावी नहीं होगा, इस पर उन्होंने कहा कि जस्सी (बुमराह) एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं जो अपनी 'ब्लाकहोल' गेदों में सटीकता की वजह से 'पिच के फायदे-नुकसान' के समीकरण को बाहर कर सकता है। यार्कर डालने के लिए आपको ऐसा कौशल चाहिए होता है जिसका पिच से कोई लेना देना नहीं होता।
उन्होंने कहा कि जस्सी की गेंद 'हिट' भी होती हैं लेकिन ऐसा 10 गेंद में से शायद दो बार ही होता है। इसलिए वह खास है। कोविड-19 के बाद शमी के उबरने पर निगरानी रखी जा रही है, और हरभजन को लगता है कि चाहर की पैनी गेंदबाजी से ही भारत को शुरू में विकेट मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि दीपक चाहर एकमात्र गेंदबाज हैं जो गेंद को 'अप फ्रंट' और दोनों तरीकों से स्विंग करा सकता है और पावरप्ले में दो-तीन विकेट दिला सकता है। हरभजन ने कहा कि उसकी इनस्विंगर उतनी ही घातक है जितनी आउटस्विंगर। वह भुवनेश्वर की तुलना में इस समय बेहतर कौशल वाला गेंदबाज है। उन्होंने कहा कि भुवी के पास अपार अनुभव है और वह मैच जीता सकता है लेकिन 19वें ओवर में आठ से 10 रन से ज्यादा परेशानी नहीं होती, पर यह इस समय 15 या इससे ज्यादा रन हैं। इससे मैच हाथ से निकल जाता है। इसलिए दीपक मेरी पसंद होगा।
उन्होंने अर्शदीप सिंह के बारे में कहा कि अर्श अच्छी प्रतिभा है और भविष्य का गेंदबाज है। वह बल्लेबाजों को मुश्किल करने वाले कोण से गेंदबाजी कर सकता है। लेकिन उसे पिच से थोड़ी सहायता चाहिए। उन्होंने कहा कि इतना अनुभव नहीं है, उसे काफी दबाव भरी स्थितियों में गेंदबाजी के अनुभव की जरूरत है। दबाव में वह छह की छह गेंद पर आपकी योजना के अनुसार गेंदबाजी करे तो यह एक युवा के साथ नाइंसाफी होगी। हर्षल पटेल ने आइपीएल के दो सत्र में 51 विकेट झटके हैं जिससे वह काफी लोकप्रिय हुए। लेकिन अंतिम ओवरों के आंकड़े काफी निराशाजनक हैं।
भज्जी ने कहा कि हर्षल की किसी अन्य भारतीय गेंदबाजी से बेहतर धीमी गेंद हैं। लेकिन उसकी धीमी गेंदों को प्रभावी करने के लिये गेंद को पिच से रूककर आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर्षल का 2021 आइपीएल में प्रदर्शन देखोगे तो जिसका पहला चरण रायल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने चेन्नई में खेला और फिर यूएई में। आज भी चेपक में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को खिलाओ और अब जब हर्षल की फार्म थोड़ी गिरी है तो भी उसे 16वें, 18वें और 20वें ओवर में खेलना मुश्किल होगा। उमरान मलिक में अपनी 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी के कारण 'एक्स फैक्टर' है और अनुभव की कमी के कारण वह काफी रन दे सकता है। वह नेट गेंदबाज के तौर पर जा रहा है। हरभजन को लगता है कि शमी के अनुपलब्ध होने की स्थिति में जरूरत पड़ने पर चेतन शर्मा और राहुल द्रविड़ को उन्हें टीम में शामिल करने में गुरेज नहीं करना चाहिए। हरभजन ने कहा कि मुझे लगता है कि पूरा देश शमी के लिए प्रार्थना कर रहा है, लेकिन अगर वह उपलब्ध नहीं हो पाता है तो हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है।