Ind vs Ban: एतिहासिक डे-नाइट टेस्ट के दौरान पूर्व क्रिकेटरों ताजा कीं ईडन से जुड़ीं यादें
Ind vs Ban कोलकाता टेस्ट के पहले दिन भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों ने ईडन गार्ड्ंस स्टेडियम से जुड़ीं अपनी यादें ताजा कीं।
खेल संवाददाता, कोलकाता। ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों ने ईडन गार्ड्ंस स्टेडियम से जुड़ीं अपनी यादें ताजा कीं। भोजनकाल के समय ग्राउंड पर आयोजित टॉक शो में सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, वीवीएस लक्ष्मण और हरभजन सिंह ने ईडन से जुड़े अपने कई किस्से बयां किए। उन्होंने 1993 में यहां हुए हीरो कप के सेमीफाइनल व फाइनल से लेकर 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट जीत तक का जिक्र किया।
अंधविश्वास के कारण किसी को हिलने नहीं दिया : सचिन
2001 में यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच से जुड़ा मजेदार संस्मरण बयां करते हुए सचिन ने कहा, 'पहली पारी में हम जल्दी आउट हो गए थे और फॉलोऑन मिला था। हमने छोटी सी बैठक करके दूसरी पारी में वीवीएस लक्ष्मण को तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करने भेजने का निश्चिय किया। जब लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी कर रहे थे तो हमने अंधविश्वास के कारण किसी को अपनी जगह से हिलने नहीं दिया था। हमें डर था कि किसी के अपनी जगह से हिलने पर वे आउट हो जाएंगे।'
गुलाबी गेंद से टेस्ट के लिए ईडन से बेहतर जगह नहीं थी कोई : कुंबले
पूर्व भारतीय कप्तान एवं बीते जमाने के दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने कहा, 'टीम व खिलाड़ी के तौर पर हमारी ईडन से बहुत सी यादें जुड़ी हैं। गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच के लिए इससे बेहतर जगह और कोई नहीं हो सकती थी।' कुंबले ने ईडन में खेले गए हीरो कप के फाइनल को भी याद किया, जिसमें उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ महज 12 रन देकर छह विकेट चटकाए थे।
ईडन ने पूरी की है मेरी हरेक मनोकामना : हरभजन
फिरकी गेंदबाज हरभजन सिंह ने कहा, 'इस मैदान ने मुझे कभी खाली हाथ नहीं लौटाया और मेरी हरेक मनोकामना पूरी की है। मेरी टेस्ट हैट्रिक यहीं हुई। मैंने जब भी यहां कोई टेस्ट खेला तो पांच विकेट मिले। यहां आइपीएल के दो फाइनल भी खेला और दोनों में जीत मिली। मेरे सिर पर काली मां का आर्शीवाद है।' भज्जी ने आगे कहा, 'सौरव गांगुली हमेशा मेरे कप्तान रहेंगे, चाहे मैं 100 कप्तानों के साथ क्यों न खेलूं।'
ईडन मेरे लिए वेरी-वेरी स्पेशल : लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण ने कहा, 'ईडन गार्ड्ंस मेरे लिए वेरी-वेरी स्पेशल है। यहां जो प्यार मिलता है और जिस गर्मजोशी से स्वागत होता है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इस मैदान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 281 रन की यादभार पारी को याद करते हुए लक्ष्मण ने कहा, 'जब सचिन-सौरव आउट हो गए थे, तब स्टेडियम खाली हो गया था, लेकिन जब मेरी और द्रविड़ की साझेदारी जमने लगी तो स्टेडियम फिर से भर गया था।'
ईडन में लगे सचिन-सचिन के नारे
ऐतिहासिक टेस्ट के पहले दिन लंच के समय जब सचिन मैदान में आए तो 'सचिन-सचिन' के नारे लगने लगे। यह सुनकर मास्टर ब्लास्टर अभिभूत हो गए। उन्होंने बांग्ला भाषा में स्टेडियम में मौजूद दर्शकों से पूछा, 'केमन आछो कोलकाता(कैसे हो कोलकाता)?