Ind vs Aus: भारतीय टीम को अपना प्लेइंग इलेवन देखने की जरूरत- सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर ने कहा कि जब लक्ष्य का पीछा करना हो तो भारतीय टीम बेहद शानदार नजर आती है। लेकिन हालिया वर्षों में सभी प्रारूपों में टीम को रनों का बचाव करते हुए अक्सर संघर्ष करते देखा गया। भारत जवाब के तलाश में होगा।
सुनील गावस्कर का कालम
आस्ट्रेलिया ने दिखाया कि आखिर क्यों ये टीम विश्व चैंपियन है। उन्होंने भारत से मिला एक मुश्किल लक्ष्य चार गेंद शेष रहते बड़ी सहजता से हासिल कर लिया। आठ रन प्रति ओवर से अधिक की गति से रन बनाना आसान नहीं होता और यहां तो आस्ट्रेलिया को 10 रन प्रति ओवर की गति से बल्लेबाजी करनी थी, लेकिन उन्होंने विकेट हाथ में रखकर इस लक्ष्य को भी बेहद आराम से हासिल कर लिया। बेशक पिच बल्लेबाजी के लिए काफी मुफीद थी और ऊपर से तेज आउटफील्ड का मतलब था कि जैसे ही गेंद फील्डर्स के बीच से निकलती, बल्लेबाज को अपने शाट के पूरे रन वसूल होने थे।
जब लक्ष्य का पीछा करना हो तो भारतीय टीम बेहद शानदार नजर आती है। लेकिन हालिया वर्षों में सभी प्रारूपों में टीम को रनों का बचाव करते हुए अक्सर संघर्ष करते देखा गया। भारत जवाब के तलाश में होगा। लेकिन जवाब खोजने में टीम को जो संघर्ष करना पड़ रहा है, उसकी असली वजह एकतरफा सोच के तहत स्पिनरों की मददगार पिच बनाना है। जहां स्पिनरों को विकेट लेने के लिए गेंद को सिर्फ सही जगह टप्पा खिलाना होता है। यहां तक कि घरेलू क्रिकेट में भी टीम अगले दौर में जगह बनाने के लिए पहली पारी के प्रदर्शन पर निर्भर होती हैं। यही वजह है कि जब टीम के पास 400 रन की बढ़त हो जाती है तब भी वो विरोधी टीम को फालोआन देने की बजाय और लंबे समय तक बल्लेबाजी करने का विकल्प अपनाती हैं और आखिरी दिन टी-ब्रेक के बाद विशालकाय लक्ष्य का पीछा करने के लिए कुछ ही ओवर विरोधी टीम को देती है।
ऐसे में गेंदबाजों के पास मुश्किल हालात में प्रदर्शन करने का बेहद थोड़ा अनुभव होता है और जब उन्हें मुश्किल हालात का सामना करना पड़ता है तो कुछ ही गेंदबाजों के पास उसका जवाब होता है। भारत को अपने अंतिम एकादश की ओर भी देखने की जरूरत है। खासतौर पर गेंदबाजों के पहलू की ओर विशेष ध्यान देना होगा। बल्लेबाजी को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। अच्छा होगा कि रोहित शर्मा शुरुआती ओवरों में विकेट फेंकने की बजाय कम से कम 10 ओवर तक बल्लेबाजी करें। जब आप लक्ष्य का बचाव कर रहे हों तो गेंदबाजी जीत की चाबी होती है, लेकिन फिलहाल ऐसा नजर नहीं आ रहा है क्योंकि ये चाबी विपक्षी टीम की बल्लेबाजी का ताला नहीं खोल पा रही है।