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क्या MS Dhoni को संन्यास ले लेना चाहिए? सचिन तेंदुलकर ने दिया ये जवाब

ICC World Cup 2019 मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने महेंद्र सिंह धौनी के संन्यास की चर्चा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

By Mohit PareekEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 01:57 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 03:06 PM (IST)
क्या MS Dhoni को संन्यास ले लेना चाहिए? सचिन तेंदुलकर ने दिया ये जवाब
क्या MS Dhoni को संन्यास ले लेना चाहिए? सचिन तेंदुलकर ने दिया ये जवाब

नई दिल्ली, जेएनएन। वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में भारत के हारने के बाद पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के संन्यास को लेकर चर्चा हो रही है। धौनी के संन्यास को लेकर दिग्गज खिलाड़ी और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी चुप्पी तोड़ दी है। हालांकि उन्होंने धौनी को संन्यास लेना चाहिए या उन्हें संन्यास नहीं लेना चाहिए पर अपनी सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने कहा है कि यह उनका व्यक्तिगत फैसला है और इस फैसले के मामले में धौनी को अकेला छोड़ देना चाहिए। साथ ही सचिन ने कहा कि क्रिकेट को अलविदा कहना धौनी की निजी पसंद है।

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सचिन ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, 'यह उनका व्यक्तिगत फैसला है और धौनी को उनके निजी फैसले पर यह छोड़ देना चाहिए, क्योंकि उनका सीमित ओवर्स के क्रिकेट में स्पेशल करियर है। यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। सभी को उन्हें अपना स्पेस देना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। सभी को अफवाह फैलाने के बजाय भारतीय क्रिकेट को धौनी की ओर से दिए गए योगदान का सम्मान करना चाहिए। भारतीय क्रिकेट को इतना योगदान देने के बाद उन्हें खुद यह फैसला लेना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा, 'कितने खिलाड़ियों को ऐसा करियर होता है? उनका करियर स्पेशल रहा है। लोगों का उनके प्रति जो समर्थन और विश्वास है, वह उनके योगदान की वजह से ही है। लोगों को अब भी विश्वास था कि वह खेल को समाप्त कर सकते हैं। जब तक वो आउट नहीं हुए थे, तब तक खेल खत्म नहीं हुआ था।'

धौनी के बल्लेबाजी क्रम और उनके धीरे खेलने पर भले ही आलोचना हो रही है, लेकिन सोशल मीडिया पर अभी #ThankYouMSD ट्रेंड कर रहा है। लोग धौनी के पक्ष में लगातार ट्वीट कर रहे हैं। बता दें कि इसके अलावा सचिन ने धौनी के सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के फैसले को गलत बताया। सचिन ने कहा है कि धौनी को जल्दी नहीं भेजना बहुत बड़ी गलती है। उन्होंने कहा, 'यहां सवाल उठ सकता है कि इस तरह की विषम परिस्थिति में क्या धोनी को उनके अनुभव को देखकर ऊपरी क्रम में नहीं भेजा जाना चाहिए था। पारी के आखिर में वह जडेजा को समझाते रहे और उन्होंने चीजों पर नियंत्रण रखा।'


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