ICC Womens T20 WC 2020: 'फाइनल में अच्छा खेलने की थी उम्मीद, लेकिन शेफाली का दिन नहीं था'
Shafali Verma की मां ने कहा कि फाइनल में उनका प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा लेकिन वे अच्छा खेलती हैं और अभी उनको और आगे तक जाना है।
जागरण संवाददाता, रोहतक। आस्ट्रेलिया में खेले गए महिला टी-20 वर्ल्ड कप के सभी मैचों में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाली रोहतक की शेफाली से भारत और आस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मुकाबले में भी अच्छा खेलने की उम्मीद थी। मगर क्रिकेट प्रेमियों की यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी और वे तीन गेंदों पर केवल दो रन की बनाकर पैवेलियन लौट गई। इस पर परिजनों का कहना है कि फाइनल में उसका दिन नहीं था।
शेफाली की मां प्रवीन बाला, भाई साहिल व छोटी बहन नैंसी सहित तमाम परिजनों व क्रिकेट प्रेमियों ने रविवार को झज्जर रोड स्थित रामनारायण क्रिकेट अकादमी में बड़ी स्क्रीन पर फाइनल मैच लाइव देखा। मैच के बाद शेफाली की मां प्रवीन ने कहा कि क्रिकेट के बड़े मैचों में अभी बेटी की शुरुआत है। फाइनल में उनका प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा लेकिन वे अच्छा खेलती हैं और अभी उनको और आगे तक जाना है। भारतीय महिला टीम पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है। यह भी देश और क्रिकेट प्रेमियों के लिए गर्व की बात है। खेल में हार जीत होती ही रहती है। शेफाली ने इस वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा है।
वहीं, उनके बड़े भाई साहिल वर्मा का कहना है कि शेफाली सीधी गेंद पर लेट कट लगाने के प्रयास में कैच थमा बैठी और आउट हो गई। इस प्रदर्शन से उनको सबक लेकर आगे और बेहतर खेलने का प्रयास करना होगा। अभी उनको बहुत क्रिकेट खेलना है। शेफाली का अब तक का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है।
बच्चों की परीक्षा थी, इसलिए नहीं गई आस्ट्रेलिया
उधर, पिता संजीव वर्मा फाइनल मैच में बेटी शेफाली का खेल देखने के लिए आस्ट्रेलिया गए हुए हैं। शेफाली की मां प्रवीन बाला रोहतक में ही हैं। आस्ट्रेलिया क्यों नहीं जाने के सवाल पर उन्होंने मीडिया कर्मियों को बताया कि बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। इसलिए वे नहीं गई हैं। रोहतक में ही उन्होंने बेटी के मैच देखे हैं। बेटी से शनिवार शाम को फोन पर बात हुई थी तो उसे पहले ही तरह ही अच्छा खेलने के लिए प्रेरित किया था।
अब अधिक लड़कियां क्रिकेट में आगे आएंगी
उधर, हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन के डायरेक्टर कोच अश्वनी कुमार का कहना है कि आस्ट्रेलिया के साथ हुए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम बेशक हार गई हो लेकिन टीम ने यहां तक पहुंचने का जो मुकाम हासिल किया है, उससे महिला क्रिकेट में अब पहले से अधिक लड़कियां आगे आएंगी। रोहतक की सलामी बल्लेबाज शेफाली ने इस वर्ल्ड कप में खुद को साबित किया है। छोटी उम्र में शेफाली ने बड़ा मुकाम पा लिया है। भविष्य में उनसे और अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। महज 16 साल की उम्र में वे वर्ल्ड कप का अनुभव लेकर लौटेंगी और यहां क्रिकेटर से अनुभव साझा भी करेंगी।