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ड्रेसिंग रूम का लुत्फ उठा रहे वाशिंगटन ने कहा- कड़ी मेहनत ने दिलाई टीम में जगह

वाशिंगटन सुंदर ने कहा है कि अपने खेल पर अटूट विश्वास ने उन्हें भारतीय टीम में जगह दिलाने में मदद की।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 08:06 PM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 08:06 PM (IST)
ड्रेसिंग रूम का लुत्फ उठा रहे वाशिंगटन ने कहा- कड़ी मेहनत ने दिलाई टीम में जगह
ड्रेसिंग रूम का लुत्फ उठा रहे वाशिंगटन ने कहा- कड़ी मेहनत ने दिलाई टीम में जगह

मोहाली। मात्र 18 साल की उम्र में टीम इंडिया में जगह बनाने वाले वाशिंगटन सुंदर ने कहा है कि अपने खेल पर अटूट विश्वास ने उन्हें भारतीय टीम में जगह दिलाने में मदद की। वह इस समय ड्रेसिंग रूम के अनुभव का लुत्फ उठा रहे हैं। सुंदर कुछ समय पहले राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए अहम कसौटी वाले यो-यो टेस्ट को पास करने में विफल रहे थे। इसके बाद उन्होंने अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत की और चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम में शामिल किया।

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उन्होंने कहा कि किसी भी क्रिकेटर के लिए भारत की ओर से खेलना सर्वोच्च सपना होता है। एक 18 वर्षीय खिलाड़ी के रूप में मुझे भारत के लिए खेलना का मौका मिला और यह बेहतरीन अहसास है। मुझे अपने तैयारी पर काफी विश्वास है और इसका फायदा मिला। सुंदर को सबसे पहले श्रीलंका के खिलाफ आगामी टी-20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया जबकि बाद में चोटिल केदार जाधव की जगह अंतिम समय में उन्हें विकल्प के तौर पर टीम इंडिया में जगह मिली। ऑफ स्पिन गेंदबाजी और बायें हाथ से बल्लेबाजी करने वाले सुंदर को मौजूदा वनडे सीरीज में मौका मिलने की संभावना कम है लेकिन वह भारतीय ड्रेसिंग रूम का लुत्फ उठा रहे हैं।

बुधवार को श्रीलंका के खिलाफ होने वाले दूसरे वनडे से पूर्व सुंदर ने कहा, यह मेरा चौथा दिन है लेकिन मुझे ऐसा नहीं लग रहा कि मैं अभी अभी टीम के साथ जुड़ा हूं। मैं काफी खिलाडिय़ों को पहले से जानता हूं। आइपीएल में माही भाई (महेंद्र सिंह धौनी) के साथ खेला हूं। सुंदर भले ही फिटनेस परीक्षण में विफल रहे हों लेकिन उन्हें हमेशा अपनी क्षमताओं पर विश्वास रहा है। सुंदर ने आइपीएल में अपने प्रदर्शन से लोगों का ध्यान खींचा और उन्होंने स्टीव स्मिथ की अगुआई वाले पुणे सुपरजाइंट को फाइनल में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई लेकिन यह भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए पर्याप्त नहीं था जिसके बाद उन्होंने अपने खेल के पहलुओं पर कड़ी मेहनत की।

पिछले साल प्रथम श्रेणी मैच में पदार्पण करने वाले तमिलनाडु के इस ऑलराउंडर ने कहा कि मैं वापस गया और काफी तैयारी की। खेल के जिन पहलुओं पर जरूरत थी उनमें मैंने कड़ी मेहनत की। इसका फायदा मिला। मैंने अधिक गेंदबाजी शुरू की और अपनी बल्लेबाजी को अतिरिक्त समय दिया और फिटनेस पर भी काम किया। आपको पता ही है कि यह भारतीय टीम का कितना महत्वपूर्ण पहलू बन गया है। भारतीय टीम में संभावित भूमिका पर सुंदर को पता है कि जब भी उन्हें मौका मिलेगा तो उन्हें गेंद और बल्ले दोनों से प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे स्पिन के 10 ओवर फेंकने के लिए तैयार रहना होगा और टीम किसी भी स्थिति में हो बल्लेबाजी से योगदान देना होगा।

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