हरभजन सिंह ने किया सचिन तेंदुलकर का समर्थन, ICC से की ये नियम बदलने की मांग
हरभजन सिंह ने सचिन तेंदुलकर के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने ICC से कहा है कि अगर गेंद स्टंप को छू रही है तो फिर खिलाड़ी को आउट दिया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय टीम के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने अपनी टीम के पूर्व साथी खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का समर्थन इस बात के लिए किया है, क्योंकि उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी से lbw के नियमों में बदलाव करने की सिफारिश की थी। इसके बाद अब हरभजन सिंह ने कहा है कि जब भी कोई टीम LBW के निर्णय के बारे DRS लेती है तो वो टीम 'अंपायर्स कॉल' से बचना चाहती है। इसी अंपायर्स कॉल को भज्जी ने के बदलने की मांग की है। दिग्गज स्पिनर ने ये भी कहा है कि अच्छे खेल के लिए कुछ नियमों में बदलाव होने चाहिए।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने डीआरएस कॉल पर एक अपना एक वीडियो बनाया है, जिसे ट्वीट भी किया है। इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए हरभजन सिंह ने लिखा है, "आप के साथ सहमत हूं पाजी, आप 1000 प्रतिशत सही हो। गेंद स्टंप को छू रही है, तो इसे आउट दिया जाना चाहिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि गेंद के कितने हिस्से विकेट से टकराए हैं। खेल की बेहतरी के लिए खेल में कुछ नियम बदलने चाहिए। यह निश्चित रूप से उनमें से एक है।"
Agree with you Paji 1000 percent correct.. If the ball is touching the stump or kissing the Stumps it should be given out..It does not matter how much part of the ball hit the wicket..few rules should b changed in the game for betterment of the game..this is certainly 1 of those https://t.co/m1PfaIpR8y" rel="nofollow — Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) July 11, 2020
इससे पहले तेंदुलकर ने कहा था कि अगर गेंद स्टंप्स से टकरा रही है तो बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए। तेंदुलकर ने ट्वीट किया था, "अगर गेंद स्टंप्स से हिट हो जाती है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर DRS हमें दिखाता है कि गेंद स्टंप्स से टकराने वाली है, तो उसे आउट दे दिया जाना चाहिए।" अपने वीडियो में सचिन कहते हैं, "आइसीसी के साथ मैं एक बात मैं सहमत नहीं हूं, वह डीआरएस है, जिसका वे काफी समय से उपयोग कर रहे हैं। यह LBW निर्णय है, जहां 50 प्रतिशत से अधिक गेंद को ऑन-फील्ड निर्णय के लिए स्टंप से टकराना होगा।"
सचिन ने कहा है, "एकमात्र कारण यह है कि वे (बल्लेबाज या गेंदबाज) निराश हो जाते हैं, क्योंकि वे ऑन-फील्ड निर्णय से नाखुश हैं, इसलिए जब निर्णय तीसरे अंपायर के पास जाता है, तो तकनीक को संभालने दें, जैसे टेनिस में होता है कि अगर ऐसा है तो है फिर। वहां बीच में कुछ भी नहीं होना चाहिए।" कई पूर्व खिलाड़ियों द्वारा अंपायर्स कॉल को हटाने की सिफारिश की गई है। जब भी कोई फैसला 'अंपायर्स कॉल के रूप में पॉप अप होता है, तो ऑन-फील्ड अंपायर का निर्णय नहीं बदला जाता है, लेकिन टीमें अपनी रिव्यु भी नहीं खोती हैं।