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सहवाग ने मैक्सवेल को बताया था '10 करोड़ की चीयरलीडर', अब कंगारू खिलाड़ी ने किया पलटवार

IPL 2020 में खराब प्रदर्शन करने की वजह से पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ने ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल की आलोचना की थी और कहा था कि वे तो 10 करोड़ की चीयरलीडर रहे। इसी बयान पर अब मैक्सवेल ने जवाब दिया है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 02:40 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 02:40 PM (IST)
सहवाग ने मैक्सवेल को बताया था '10 करोड़ की चीयरलीडर', अब कंगारू खिलाड़ी ने किया पलटवार
मैक्सवेल इस साल IPL में फ्लॉप रहे हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को क्रिकेटरों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करने के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि यूएई में खेले गए आइपीएल के 13वें सीजन में जब किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल फेल हुए तो वीरेंद्र सहवाग ने उनके खिलाफ कमेंट किया था। सहवाग ने ग्लेन मैक्सवेल को 10 करोड़ रुपये की चीयरलीडर बताया था, क्योंकि पंजाब ने उनको 10 करोड़ से ज्यादा की रकम में खरीदा था।

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दरअसल, आइपीएल 2020 में जिन खिलाड़ियों ने खराब प्रदर्शन किया था उनकी लिस्ट वीरेंद्र सहवाग ने तैयार की थी। इसी दौरान वीरू की बैठक नाम के अपने शो में सहवाग ने मैक्सवेल को '10 करोड़ के चियरलीडर' बताया था। साथ ही सहवाग ने उनको 'अत्यधिक भुगतान वाली छुट्टी' बिताने वाला बताया था। इसके पीछे का कारण ये था कि किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 13 मैचों में ग्लेन मैक्सवेल ने 103 रन बनाए थे। यहां तक कि उन्होंने एक छक्का तक नहीं लगाया था।

अब मैक्सवेल ने सहवाग को जवाब दिया है और कहा कि वह भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज की टिप्पणी से हैरान नहीं हैं और यह पहली बार नहीं है। मैक्सवेल ने कहा है, "यह ठीक है। वीरू मेरे प्रति अपनी नापसंदगी के साथ बहुत स्पष्ट हैं और यह ठीक है। उन्हें जो कुछ भी पसंद है उन्हें कहने की अनुमति है। वह इस तरह के बयानों के लिए मीडिया में हैं, इसलिए ठीक है मैं उनसे निपटता हूं और आगे बढ़ता हूं।"

आंकड़ों को देखा जाए तो आइपीएल 2020 का संस्करण ग्लेन मैक्सवेल के लिए सबसे खराब सीजन था। KXIP को ग्लेन मैक्सवेल से काफी भरोसा था, लेकिन वे एक भी बार टीम की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। दो मैचों को करीब तक जरर पहुंचाया था, लेकिन टीम को वे जिता नहीं पाए थे। इस टूर्नामेंट में उनका सर्वोच्च स्कोर 32 रन था। एक मैच में किंग्स इलेवन पंजाब को मैच टाई कराने के लिए 6 रनों की दरकार थी, लेकिन वे चौका लगा सके थे।


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