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रिषभ पंत ने की बेवकूफी उसे बहादुरी नहीं कहेंगे, पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने उन्हें लगाई फटकार

रिषभ पंत के शाट के बारे में बात करते हुए गंभीर ने कहा कि उसे आप बेवकूफी कहेंगे बहादुरी नहीं। इस टेस्ट मैच में पुजारा और रहाणे ने भारत की वापसी करवाई थी लेकिन पंत ने अपना विकेट इस तरह से गंवाकर साउथ अफ्रीका की मैच में वापसी करवा दी।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 06 Jan 2022 02:44 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jan 2022 02:44 PM (IST)
रिषभ पंत ने की बेवकूफी उसे बहादुरी नहीं कहेंगे, पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने उन्हें लगाई फटकार
भारतीय युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज रिषभ पंत (एपी फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। जोहानसबर्ग टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज रिषभ पंत जिस तरह का शाट खेलकर आउट हुए उसकी वजह से उनकी काफी आलोचना की जा रही है। रिषभ पंत जिस समय इस तरह की गैरजिम्मेदारी भरा शाट खेलकर आउट हुए उस वक्त टीम इंडिया को रन की जरूरत थी और उनसे टीम को उम्मीद थी। पंत ने रबादा की गेंद पर बड़ा शाट खेलने की कोशिश की और वो अपना कैच विकेट के पीछे थमा बैठे। पंत के इस तरह से आउट होने के बाद टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भी उनकी आलोचना की। 

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स्टार स्पोर्ट्स पर रिषभ पंत के शाट के बारे में बात करते हुए गंभीर ने कहा कि उसे आप बेवकूफी कहेंगे बहादुरी नहीं। इस टेस्ट मैच में पुजारा और रहाणे ने भारत की वापसी करवाई थी, लेकिन पंत ने अपना विकेट इस तरह से गंवाकर साउथ अफ्रीका की मैच में वापसी करवा दी। गंभीर ने आगे कहा कि अगर उस शाट पर छक्का भी लग जाता तो उसे आप एक अच्छा शाट नहीं कहते। टेस्ट क्रिकेट में दवाब से निपटना होता है और आपको पता था कि रबाडा अपना चौथा या पांचवां ओवर ही फेंक रहे थे। पंत जब बल्लेबाजी के लिए आए थे तब रहाणे और पुजारा आउट हो चुके थे और उन पर बड़ा दवाब था, लेकिन खराब शाट खेलने की वजह से महज तीन गेंदों पर ही उन्होंने अपना विकेट शून्य पर गंवा दिया। 

गंभीर ने आगे कहा कि रिषभ पंत ने जिस तरह का शाट खेला टेस्ट क्रिकेट में उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जाहिर है फील्डिंग साइड और गेंदबाज भी यही चाहते हैं, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि आप किस गेंदबाज के खिलाफ मौका ले रहे हैं। इस तरह के विकेट पर क्रीज से बाहर निकलने के बाद रबाडा जैसे गेंदबाज की गेंद पर इस तरह का शाट खेलना इसे बहादुरी तो नहीं ही कहा जा सकता है। पंत को ऐसे समय में दवाब का सामना करना चाहिए था और अगर वो वहां से टीम के लिए 25-30 रन बना लेते तो शायद खेल एक तरफा हो सकता था। 


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