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गंभीर ने इस बल्लेबाज को बताया युवराज और धौनी जैसा, कहा- हासिल कर सकते हैं कोई भी लक्ष्य

इससे पहले भारत के पास युवराज और धौनी थे और अभी ऑस्ट्रेलिया में मैक्सवेल हैं। ये किसी भी लक्ष्य का पीछा करने में सक्षम हैं। अगर आपको आखिरी ओवर में 20 से 25 रन की जरूरत हो तो ये खिलाड़ी आपको भरोसा दिलाते हैं वो इसे हासिल कर सकते हैं।

By Viplove KumarEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 01:08 PM (IST)
गंभीर ने इस बल्लेबाज को बताया युवराज और धौनी जैसा, कहा- हासिल कर सकते हैं कोई भी लक्ष्य
शिखर धवन के साथ हार्दिक पांड्या वनडे मैच के दौरान (फोटो एपी)

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 मुकाबले में मुश्किल लग रहे 195 रन के लक्ष्य का पीछा कर जीत हासिल किया। आखिरी ओवर में भारत को 14 रन की जरूरत थी और हार्दिक पांड्या ने छक्का लगाकर भारत को मैच जिताया। पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर मानते हैं कि हार्दिक एक ऐसे बल्लेबाज हैं जो किसी भी लक्ष्य का पीछा कर सकते हैं।

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गंभीर ने हार्दिक को पूर्व भारतीय दिग्गज महेंद्र सिंह धौनी और युवराज सिंह जैसा बल्लेबाज बताया। उनका कहना था कि जैसे पहले टीम इंडिया के लिए ये दोनों बल्लेबाज मैच फिनिश करते थे हार्दिक के अंदर वही काबिलियत है। गंभीर ने कहा हार्दिक अगर खेल रहो हों तो भारत आखिरी ओवर में 20 से 25 रन बनाकर भी जीत हासिल कर सकता है।

"हार्दिक पांड्या ने इंडियन प्रीमियर लीग में ऐसी पारियां खेली है और जब आप इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसी पारियां खेलकर आते हैं तो आपका आत्मविश्वास बढ़ा होता है। पांड्या ने ऐसा पारियां मुंबई इंडियंस के लिए काफी खेली है। उस लिहाज से अगर देखें तो हार्दिक ने रविवार को कुछ भी नया नहीं किया है।" 

एक अंग्रेजी वेबसाइट से बात करते हुए गंभीर ने कहा "हार्दिक पांड्या की तरह के कुछ ही खिलाड़ी होते हैं, इससे पहले भारत के पास युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धौनी थे और अभी ऑस्ट्रेलिया की टीम में ग्लेन मैक्सवेल हैं। ये किसी भी लक्ष्य का पीछा करने में सक्षम हैं। यहां तक कि अगर आपको आखिरी ओवर में 20 से 25 रन की जरूरत हो तो ये खिलाड़ी आपको भरोसा दिलाते हैं वो इसे हासिल कर सकते हैं।" 

हार्दिक ने मैच के बाद कहा था, "मुझे स्कोर बोर्ड चलता हुआ देखना अच्छा लगता है। इससे आपको पता चलता रहता है कि कैसे शॉट लगाने है और क्या विकल्प आपके पास मौजूद हैं। मैं ऐसी स्थिति में कई बार रह चुका हूं और मैंने अपनी पिछली गलतियों से सीखा है। मेरा खेल हमेशा से ही मेरे आत्मविश्वास की वजह से ही रहा है और यह मैं हमेशा लेकर चलता हूं। यह बहुत ही महीन रेखा होती है जहां मैं अपने पर भरोसा रखता हूं क्योंकि इसे अतिआत्मविश्वास भी माना जा सकता है।"  


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