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गौतम गंभीर ने कहा- भारतीय क्रिकेट टीम को खुद को वर्ल्ड चैंपियन कहने का हक नहीं

गौतम गंभीर ने कहा कि भारतीय टीम के पास अहम मैचों का दवाब सहने की काबिलियत ही नहीं है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 05:14 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 05:14 PM (IST)
गौतम गंभीर ने कहा- भारतीय क्रिकेट टीम को खुद को वर्ल्ड चैंपियन कहने का हक नहीं
गौतम गंभीर ने कहा- भारतीय क्रिकेट टीम को खुद को वर्ल्ड चैंपियन कहने का हक नहीं

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर को ऐसा लगता है कि भारतीय क्रिकेटर्स में मेंटल टफनेस की कमी है जिसकी वजह से वो विपरित परिस्थिति में पैदा हुए दवाब को हैंडल नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम खुद को वर्ल्ड चैंपियन तब तक नहीं कह सकती जब तक कि वो वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में खुद को साबित नहीं करे। 

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आपको बता दें कि भारतीय टीम ने साल 1983 और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था जबकि चार बार वो सेमीफाइनल में पहुंच कर बाहर हो गई जिसमें 2015 और 2019 वर्ल्ड कप भी शामिल  है। टी20 वर्ल्ड कप भारत ने साल 2007 में जीता था और ये क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का पहला विश्व कप था। वहीं साल 2014 में टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था, लेकिन श्रीलंका के हाथों उसे हार का सामना करना पड़ा था।

गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम क्रिकेट कनेक्टेड में कहा कि आप अपनी टीम में खास से बेहद खास खिलाड़ी तभी बनते हैं जब आप बेहद अहम मैच में प्रदर्शन करते हैं। अहम मैचों में आप कैसा प्रदर्शन करते हैं यही बात आपको अच्छे से बहुत-बहुत अच्छा खिलाड़ी बनाता है। मुझे लगता है कि शायद अब हम ज्यादा दवाब हैंडल करने की स्थिति में नहीं हैं। वहीं दूसरी टीमें शायद इस मामले में हमसे ज्यादा अच्छी है। अगर आप सभी सेमीफाइनल और फाइनल मैच के देखें। हम लीग स्टेज पर काफी अच्छा खेलते हैं, लेकिन सेमीफाइनल या फिर नॉकआउट में अच्छा नहीं खेलते। शायद यही आपकी मानसिक दृढ़ता भी है। 

गौतम गंभीर साल 2011 वनडे वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा था और उस साल भारत ने 28 वर्ष के बाद दूसरा खिताब जीता था। उन्होंने कहा कि भारत खुद को वर्ल्ड चैंपियन नहीं कह सकता जब तक कि वो खुद को साबित नहीं करे। हम ये नहीं कह सकते कि हमने सबकुछ हासिल किया है। हमारे पास वर्ल्ड चैंपियन बनने की काबिलियत है, लेकिन जब तक आप मैदान पर जाकर खुद को साबित ना कर दें आप वर्ल्ड चैंपियन नहीं कहलाएंगे।

उन्होंने कहा कि लीग स्टेज या फिर द्विपक्षीय सीरीज में गलती सुधारने का मौका हो सकता है, लेकिन नॉकआउट स्टेज में आपके पास गलती सुधारने का कोई मौका नहीं होता, एक गलती से आप अपने घर वापस हो जाते हैं। इसी से अच्छा करने का विश्वास मन में आता है और अहम मैचों में इसकी कमी भारतीय टीम में दिखती है। 


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