गंभीर ने जताई नाराजगी, कहा- सचिन तेंदुलकर के वनडे का फार्मूला टी20 में मत लगाओ
पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर ने टी20 क्रिकेट को चार पारियों में बांटने के सुझाव को बेकार बताया है। उन्होंने कहा सचिन ने वनडे के लिए बताया था यह फार्मूला इसे टी20 में ना लगाएं।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने टी20 क्रिकेट को पारियों में खेलने पर असहमति जताई है। ली का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया की टी20 लीग बिग बैश को यह सुझाव रोचक लगता है। गंभीर और ली क्रिकेट से सबसे छोटे फॉर्मेट को टेस्ट जैसे पारियों में बांटना पर सहमत नहीं हैं। सचिन ने जो सुझाव वनडे क्रिकेट के लिए दिया था उसे टी20 में लागू करना अच्चा फैसला नहीं होगा।
स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड पर टी20 क्रिकेट को रोचक बनाने को लेकर बात करते हुए गंभीर ने अपना राय दी। पूर्व भारतीय ओपनर ने कहा, "मैं इस बात में ज्यादा भरोसा नहीं रखता कि टी20 क्रिकेट को दो पारियों में बांटा जाए। मुझे लगता है सचिन तेंदुलकर ने कभी ऐसा सुझाव 50 ओवर की क्रिकेट को लेकर दिया था कि इसे पारियों में बांटने की कोशिश करनी चाहिए और कहीं तक इसका मतलब बनता है क्योंकि आपको पास 25 -25 ओवर होंगे।"
सचिन ने वनडे के लिए दिया था सुझाव
"मुझे तो लगता है कि यह कहीं ना कहीं टॉस को भी खत्म कर देगा क्योंकि कुछ कंडिशन में टॉस बहुत ही ज्यादा अहम भूमिका अदा करता है। मैं इस चीज के बिल्कुल हक में हूं लेकिन टी20 क्रिकेट में ऐसा नहीं होना चाहिए यह फॉर्मेट बहुत ही छोटा है और इसके लिए शायद ही समय मिल पाए। 10-10 ओवर में बांट देना से एक पारी और भी ज्यादा छोटी हो जाएगी।"
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने भी गंभीर की बातों का समर्थन किया। वो भी नहीं चाहते हैं कि टी20 फॉर्मेट को बदला जाए। इसे दो पारियों में बांटने से इसका रोमांच कम हो जाएगा। उनका कहना था, "मैं टी20 क्रिकेट को लेकर कह रहा हूं चाहे यह इंडियन प्रीमियर लीग हो या फिर बिग बैश इसको लेकर कुछ न्याय करने की जरूरत है।"
लक्ष्य का पीछा करना रोमांचक होता है
"खेल की तरफ लोगों को खींच ने के लिए इसके रोमांच को बनाए रखना जरूरी है। लेकिन फिर क्रिकेट की बात आती है तो जो पारंपरिक है उसको भी आप बनाए बरकरार रखना चाहते हैं। मुझे लगता है कि चार पारियों में इसको बांटना बहुत ज्यादा हो जाएगा। मुझ अब भी लगता है कि लक्ष्य को देखना और उस लक्ष्य को पाने की कोशिश करना या उसे बचाना काफी अच्छा होता है।"