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साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की हार के तीन सबसे अहम कारण पूर्व ओपनर बल्लेबाज गंभीर ने बताए

गंभीर ने इस हार का पहला कारण बताते हुए कहा कि दूसरे टेस्ट मैच में चौथे सीमर की कमी साफ तौर पर दिखी। अगर सिराज पूरी तरह से फिट होते तो कप्तान केएल राहुल अपने दो प्रमुख तेज गेंदबाजों को बेहतर तरीके से रोटेट कर पाते।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 07:58 AM (IST)
साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की हार के तीन सबसे अहम कारण पूर्व ओपनर बल्लेबाज गंभीर ने बताए
भारतीय टेस्ट टीम के खिलाड़ी (एपी फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 7 विकेट से मिली हार के बाद पूर्व भारतीय ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने इस हार के तीन सबसे प्रमुख कारण बताए हैं। स्टार स्पोर्टस के साथ बात करते हुए गंभीर ने इस हार का पहला कारण बताते हुए कहा कि दूसरे टेस्ट मैच में चौथे सीमर की कमी साफ तौर पर दिखी। अगर सिराज पूरी तरह से फिट होते तो कप्तान केएल राहुल अपने दो प्रमुख तेज गेंदबाजों को बेहतर तरीके से रोटेट कर पाते। वहीं आप जानते हैं कि एक बार गेंद गीली हो जाने के बाद अश्विन की मदद नहीं करेगी और आपके पास सिर्फ तीन ही तेज गेंदबाज थे। अगर सिराज भी टीम में होते तो हमें तेज गेंदबाजों का और भी बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलता। 

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वहीं गंभीर ने हार का दूसरा कारण बताते हुए कहा कि साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज अपनी हाईट की वजह से भारतीय गेंदबाजों के मुकाबले ज्यादा प्रभावी साबित हुए। वो भारतीय बल्लेबाजों का टेस्ट अपनी छोटी गेंदों से लेने में ज्यादा सक्षम थे क्योंकि भारत के गेंदबाजों के मुकाबले उनके पास ये स्वाभाविक रूप से है। गंभीर ने कहा कि अपनी हाईट की वजह से साउथ अफ्रीकी गेंदबाज शार्ट पिच गेंद ज्यादा अच्छी तरह से कर पा रहे थे। वहीं भारत की तरफ से बुमराह से आप ऐसी उम्मीद कर सकते हैं, लेकिन शमी के साथ ऐसा नहीं है और उनकी ज्यादातर शार्ट पिट गेंद कीपर से सिर के उपर से निकल गई। ऐसे में भारतीय तेज गेंदबाज ज्यादा प्रभावी नहीं दिखे। 

हार की तीसरी वजह बताते हुए गंभीर ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजी भी एक समस्या रही। आपने टास जीता और सिर्फ 200 पर आउट हो गए और आपको जो लाभ मिल सकता था उसे खो दिया। केएल राहुल ने सही कहा कि सेंचुरियन और जोहानसबर्ग टेस्ट में पहली पारी के स्कोर का काफी प्रभाव पड़ा। पहले टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में 350 रन बनाए थे और जीता था। वहीं जब आपने जीत के लिए 200-220 का टारगेट दिया है तो जरूरी नहीं है कि हर बार आपके गेंदबाज आपको जीत दिला दें वो भी तब जब आपको पास सिर्फ चार गेंदबाजों का विकल्प हो। 


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