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भारतीय टीम के पूर्व कोच ने कहा, लार पर प्रतिबंध से गेंदबाजों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी

भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने कहा है कि लार पर प्रतिबंध से गेंदबाजों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी क्योंकि उनके पास और भी विकल्प होंगे।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 08:52 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 08:52 AM (IST)
भारतीय टीम के पूर्व कोच ने कहा, लार पर प्रतिबंध से गेंदबाजों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी
भारतीय टीम के पूर्व कोच ने कहा, लार पर प्रतिबंध से गेंदबाजों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय टीम के पूर्व कोच और ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्रेग चैपल का कहना है कि लार पर प्रतिबंध लगाने से बल्लेबाजों को ज्यादा फायदा होगा, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए पसीना भी बहुत प्रभावी होगा। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी ने कुछ समय के लिए कोरोना वायरस से खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गेंद को चमकाने के लिए उपयोग की जाने वाली लार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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कोविड 19 महामारी की वजह से अंतरिम तौर पर लार पर प्रतिबंध लगाने से क्रिकेट का ये खेल बल्लेबाजों के हावी रहने का हो जाएगा। अभी के लिए गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए सिर्फ पसीने का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन ज्यादातर दिग्गजों का मानना है कि पसीना लार की अपेक्षा उतना प्रभावी गेंद को चमकाने में नहीं होगा। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल की राय कुछ अलग है और वे मानते हैं कि पसीना भी प्रभावी होगा।

सिडनी मोर्निंग हेराल्ड से बात करते हुए ग्रेग चैपल ने कहा है, "यदि वे अपने माथे से पसीना पोंछ रहे हैं, तो वहां सनस्क्रीन है। यदि वे लार का उपयोग कर रहे हैं, तो वे शायद कुछ चबा रहे हैं, तो इसमें क्या है? मुझे नहीं पता कि यह इतनी बड़ी बात है। पसीना निकलना लार के बराबर होगा। ईमानदारी से कहूं तो मैं इसमें अंतर नहीं देखता।" साल 2005 से 2007 तक विवादास्पद रूप से भारतीय टीम के कोच रहे चैपल ने ये भी कहा है कि इससे ऑस्ट्रेलियाई टीम के तेज गेंदबाजों पर कम असर पड़ेगा।

71 वर्षीय ग्रेग चैपल ने कहा है, "उनमें से कोई भी गेंद के बड़े स्विंगर्स नहीं हैं - स्टार्क को कुछ रिवर्स स्विंग मिल सकती है - और बड़ी बात यहां गति और उछाल की होती है, मुझे नहीं लगता कि हम इसमें कोई एक बड़ा अंतर देखेंगे।" बॉल निर्माता कूकाबूरा ने क्रिकेट गेंदों को चमकाने के लिए मोम ऐप्लिकेटर विकसित किया है, लेकिन चैपल ने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं होगी।

उन्होंने कहा है, "गेंदबाज काफी आविष्कारशील होते हैं। अगर उन्हें पसीना आता है, तो उन्हें गेंद पर पसीना लगाकर भी चमक मिलेगी, वे गेंद को संरक्षित करने में सक्षम होंगे जब तक कि यह एक वास्तविक कठिन, अपघर्षक विकेट न हो। आपको केवल गेंद पर पर्याप्त चमक रखने के लिए मिला है और पसीना यही करेगा। मुझे लगता है कि यह खुद एक चाय की प्याली में खूनी तूफान है।"


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