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ब्लैक लाइव्स मैटर को लेकर जोफ्रा आर्चर बोले- माइकल होल्डिंग को नहीं पता कि क्या चल रहा है

इंग्लैंड की टीम के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने कहा है कि हम ब्लैक लाइव्स मैटर कैंपन को नहीं भूले हैं। होल्डिंग को नहीं पता कि क्या चल रहा है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 09:13 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 09:13 AM (IST)
ब्लैक लाइव्स मैटर को लेकर जोफ्रा आर्चर बोले- माइकल होल्डिंग को नहीं पता कि क्या चल रहा है
ब्लैक लाइव्स मैटर को लेकर जोफ्रा आर्चर बोले- माइकल होल्डिंग को नहीं पता कि क्या चल रहा है

मैनचेस्टर, आइएएनएस। वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा क्रिकेट कॉमेंटेटर माइकल होल्डिंग ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को सीमित ओवरों की सीरीज में ब्लैक लाइव्स मैटर के समर्थन में एक घुटने पर बैठकर प्रदर्शन न करने पर आड़े हाथों लिया था। होल्डिंग ने कहा था कि जब वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड सीरीज शुरू हुई थी तो ब्लैक लाइव्स मैटर कैंपेन का समर्थन किया गया था, लेकिन इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया सीरीज में ऐसा क्यों नहीं किया गया?

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माइकल होल्डिंग के इसी बयान पर इंग्लैंड की टीम के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने कहा है कि होल्डिंग को नहीं पता कि क्या चल रहा है। जोफ्रा आर्चर खुद कैरेबियाई हैं, लेकिन अब वे इंग्लैंड में रह रहे हैं। गौरतलब बै कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान ब्लैक लाइव्स मैटर के समर्थन में दोनों टीमों ने एक घुटने पर बैठकर अपना समर्थन जताया था, लेकिन इंग्लैंड की पाकिस्तान और अब ऑस्ट्रेलिया सीरीज में ऐसा कुछ नहीं देखा गया।

जोफ्रा आर्चर ने कहा है कि इंग्लैंड टीम में जो भी हैं वो इस आंदोलन के बारे में बिल्कुल भी नहीं भूले हैं। ईएसपीएन क्रिकइंफो ने जोफ्रा आर्चर के हवाले से लिखा, "मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि माइकल होल्डिंग को नहीं पता कि पर्दे के पीछे क्या चल रहा है। मुझे नहीं लगता कि उन्होंने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के सीईओ टॉम हैरीसन से बात की होगी।" बता दें कि जोफ्रा आर्चर खुद न्यूजीलैंड के दौरे पर नस्लीय टिप्पणी झेल चुके हैं।

उन्होंने कहा है, "मैंने खुद टॉम से बात की है और हम पर्दे के पीछे काम कर रहे हैं। हम कछ भी भूले नहीं हैं। यहां कोई भी ब्लैक लाइव्स मैटर के बारे में नहीं भूला है। मुझे लगता है कि यह उनकी(माइकल होल्डिंग) तरफ से थोड़ा रूखा व्यवहार हो गया। उन्होंने आलोचना करने से पहले थोड़ी रिसर्च नहीं की।" बता दें कि अमेरिका में अश्वेत शख्स की पुलिस हिरासत में मौत के बाद ब्लैक लाइव्स मैटर नाम के आंदोलन ने जोर पकड़ा था और पूरे विश्व में इसे समर्थन मिला था।


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