कप्तान विराट ने कहा बिना आक्रामकता के मैं मैदान पर कुछ भी नहीं
विराट ने बताया कि आक्रामकता उनके खेल की पहचान है।
केपटाउन, पीटीआइ। भारतीय कप्तान विराट कोहली की बल्लेबाजी की जितनी तारीफ की जाए कम है। विराट मैदान पर इतनी बेहतरीन बल्लेबाजी के पीछे का कारण है उनकी आक्रामकता। ये बात खुद विराट ने ही कही कि आक्रामकता उनकी बल्लेबाजी की पहचान है और अगर वही चली गई तो पता नहीं मैं क्या करूंगा। विराट ने प्रोटीज के खिलाफ नाबाद 160 रन की पारी खेली और अपने वनडे करियर का 34वां शतक लगाया। इस मैच में भारतीय टीम को 124 रन के अंतर से जीत मिली। विराट ने कहा कि मैं इस वर्ष 30 साल को हो जाउंगा और अगले 4-5 वर्ष तक मैं ऐसे ही बल्लेबाजी करना चाहता हूं। यही वजह है कि मैं अपने फिटनेस का काफी ख्याल रखता हूं। मुझे आक्रामक क्रिकेट खेलना पसंद है और अगर यही नहीं रहा तो पता नहीं मैदान पर मेरा क्या होगा।
विराट ने कहा कि मैं अपनी आक्रमकता को बचाकर रखना चाहता हूं। मैं अपनी फिटनेस पर मेहनत करता हूं और अपनी डाइट पर नियंत्रण रखता हूं। टीम को जब भी मेरी जरूरत होती है मैं अपना योगदान देता हूं। एक खिलाड़ी को इसी तरह से दिन का इंतजार रहता है। अपने शतक के बारें में विराट ने कहा कि ये मेरे लिए बेहद खास था क्योंकि पूरी पारी के दौरान मैंने अपने खेल में बदलाव किया था। इस स्तर पर रन बनाना आसान नहीं होता। द. अफ्रीका में रफ्तार और उछाल के मुताबिक खेल में बदलाव करना पड़ताहै।
विराट ने कहा कि 90 रन बनाने के बाद मुझे थकान होने लगी थी लेकिन मैं आखिरी तक बल्लेबाजी कर पाया जो मुझे काफी अच्छा लगा। मैंने इतनी देर बल्लेबाजी की ये मेरे लिए काफी शानदार था। विराट ने कहा कि हमन लगातार 4 मैच जीते हैं और हम चाहेंगे कि टीम अति विश्वास का शिकार ना हो और मुझे अपनी टीम पर गर्व है। हालांकि अभी सीरीज जीतना बाकी है जो बड़ी चुनौती है।