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निदाहास ट्रॉफी के फाइनल पर दिनेश कार्तिक ने किया बड़ा खुलासा, बताया किस वजह से थे गुस्सा

निदाहास ट्रॉफी के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ दिनेश कार्तिक को विजय शंकर से बाद में भेजा गया था। उस समय टीम अच्छी स्थिति में नहीं थी लेकिन कार्तिक ने लंबे-लंबे हिट्स लगाकर टीम को खिताबी जीत दिलाई थी और आखिरी गेंद पर छक्का जड़ा था।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 05:42 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 05:42 PM (IST)
निदाहास ट्रॉफी के फाइनल पर दिनेश कार्तिक ने किया बड़ा खुलासा, बताया किस वजह से थे गुस्सा
दिनेश कार्तिक ने भारत को निदाहास ट्रॉफी जिताई थी। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, आइएएनएस। बांग्लादेश के खिलाफ निदाहास ट्रॉफी 2018 के फाइनल में दिनेश कार्तिक उस समय बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे थे जब भारत 133 रन पर अपने पांच विकेट गंवा चुका था और अंतिम दो ओवरों में जीत के लिए उसे 34 रनों की दरकार थी और दबाव पूरी तरह से भारत पर था। हालांकि, विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने 19वें ओवर में रूबैल हुसैन की गेंदबाजी पर 22 रन बटोरकर शानदार काम किया था।

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भारत को जीत के लिए आखिरी की गेंद पर पांच रन बनाने थे और कार्तिक ने एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से छक्का लगाकर भारत की जीत दिलाई थी। उस समय टीम के कप्तान रोहित शर्मा थे और उन्होंने दिनेश कार्तिक से पहले विजय शंकर को बल्लेबाजी के लिए भेजा था। अब एक कार्यक्रम में कार्तिक ने कहा, "पहले मैं नंबर-5 पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार था, लेकिन रोहित शर्मा ने कहा कि मैं नंबर-6 पर बल्लेबाजी के लिए जाऊंगा। इसलिए मैं इसके साथ भी खुश था।"

कार्तिक ने कहा, "मैं इसे लेकर पूरी तरह से आश्वस्त था कि मैं नंबर-6 पर बल्लेबाजी करने के लिए जाऊंगा। ऐसे में मैं बचे हुए गेंदों और रनों के बीच के फासले को देख सकता था, लेकिन जब चौथा विकेट गिरा तो मैं बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरने वाला था, लेकिन तभी कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि विजय शंकर को बल्लेबाजी के लिए जाना चाहिए। इसलिए उस समय मैं काफी निराश और गुस्से में था, लेकिन जाहिर है कि आप कप्तान से सवाल नहीं कर सकते। मैं इसे लेकर निश्चित था कि रोहित के दिमाग में जरूर कुछ चल रहा था। आखिरकार मैं नंबर 7 पर बल्लेबाजी के लिए उतरा।"

35 साल के दिनेश कार्तिक ने उस समय अपने दिमााग में चल रही बातों को भी याद किया जब भारत को 12 गेंदों पर 34 रनों की जरूरत थी। उन्होंने कहा, "जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब आप ऊपर आते हैं और कुछ खास करते हैं। मेरे लिए यह वह अवसर था, जहां मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था। मेरे पास एक मौका था, जब मैं पूरी तरह से खुलकर खेल सकता था। मैंने हमेशा ऐसी स्थिति में अभ्यास किया था, जहां एक ओवर में 12 या दो ओवर में 20 रन चाहिए थे, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि मैंने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया था, जहां हमें दो ओवर में 34 रन की जरूरत थी। जब मैंने मैदान पर कदम रखा तो मैं जानता था कि मैं शॉट खेल सकता हूं और मैंने ऐसा किया।"


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