धौनी ने वनडे के नए नियमों पर निकाली अपनी भड़ास
क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने वनडे क्रिकेट के नए नियमों पर नाराजगी व्यक्त की है। धौनी के मुताबिक वो इन नए नियमों से खुश नहीं हैं और इन्हें बदला जाना चाहिए। धौनी का मानना है कि
मेलबर्न। क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने वनडे क्रिकेट के नए नियमों पर नाराजगी व्यक्त की है। धौनी के मुताबिक वो इन नए नियमों से खुश नहीं हैं और इन्हें बदला जाना चाहिए। धौनी का मानना है कि वनडे में ज्यादा चौकों-छक्कों से खेल का असल मजा कहीं खो सा गया है।
तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की गैरमौजूदगी में गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के दौरान धौनी को संघर्ष करते देखा गया जब उनके पांचवें गेंदबाज बायें हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा रनों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे। धौनी बार-बार स्पष्ट करते आए हैं कि 30 गज के दायरे के बाहर चार से अधिक क्षेत्ररक्षकों को खड़ा नहीं करने के नियम से भारतीय गेंदबाजी प्रभावित हुई है। भारतीय कप्तान ने कहा, 'ये मेरा निजी नजरिया है, मैं चाहता हूं कि इसमें बदलाव हो। क्रिकेट के इतिहास में हमने वनडे मैचों में दोहरा शतक नहीं देखा और अब तीन साल में तीन दोहरे शतक (असल में छह) बन गए हैं।'
भारत की ओर से अब तक चार दोहरे शतक बने हैं, जिसमें रोहित शर्मा ने दो जबकि सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने एक-एक बनाया है। इसके अलावा वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल ने भी एक-एक दोहरा शतक जड़ा, जो दोनों इसी विश्व कप में जड़े गए। धौनी ने आइसीसी के इस नियम पर निशाना साधते हुए कहा, 'कई लोग कह सकते हैं कि अतिरिक्त क्षेत्ररक्षक के अंदर आने से अधिक खाली गेंदें फेंकी जा रही है। अगर ऐसा है तो क्षेत्ररक्षकों को बाहर रखने के विकल्प की जगह आप सभी 11 को घेरे के अंदर रख सकते हो जिससे कि और अधिक खाली गेंद हों। हमें देखना होगा। 50 ओवर के मैच को टी20 की तरह नहीं बनाइए क्योंकि बहुत सारे छक्के और चौके भी इसे काफी उबाऊ बना देंगे।' उन्होंने कहा कि वनडे क्रिकेट का मुख्य आकर्षण यह है कि आप 15वें ओवर से लगभग 35वें ओवर तक कैसे खेलते हो क्योंकि पहले दस और अंत के दस टी-20 की तरह ही हैं। वनडे क्रिकेट की असली परीक्षा यह है कि आप बीच के ओवरों में कैसे बल्लेबाजी करते हो।
- 'उमेश, मोहित व शमी को घरेलू टूर्नामेंट में खेलने को बाध्य न करें':
विश्व कप में भारतीय क्रिकेट के लिए लिए सबसे सकारात्मक चीज उसके तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन रहा और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का मानना है कि उमेश यादव, मुहम्मद शमी और मोहित शर्मा की तिकड़ी को घरेलू प्रतियोगिताओं में खेलने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि वह थके नहीं।
भारतीय गेंदबाजों ने विरोधी टीमों के जो 72 विकेट चटकाए उसमें से 48 विकेट यादव (18), शमी (17) और मोहित (13) ने झटके। इन तीनों ने अपनी गति, उछाल और नियंत्रण से सभी को हैरान किया। यह तीनों गेंदबाज सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में ही अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, जिसमें टीम को 95 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
धौनी का मानना है कि बीसीसीआइ को इन मुख्य गेंदबाजों का सतर्कता के साथ निखारना चाहिए और संबंधित राज्य संघों को इन पर रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए। जब यह पूछा गया कि कैसे मौजूदा खिलाडि़यों को निखारा और बचाया जा सकता है, धौनी ने कहा कि पिछले कुछ समय से हमारे ढांचे में यह समस्या है। तेज गेंदबाज के अंतरराष्ट्रीय दौरा पूरा करके लौटने पर स्थानीय राज्य संघ उसे घरेलू क्रिकेट में गेंदबाजी के लिए कहता है। उन्हें कितने ओवर फेंकने को कहा जा रहा है इस पर नजर नहीं रखी जाती और न ही संतुलन रखा जाता है।
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