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कीवी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे बोले- ड्यूक गेंदों से अभ्यास करने का असर WTC Final में देखने को मिलेगा

न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवोन कॉनवे का मानना है कि स्वदेश में ड्यूक गेंदों से अभ्यास करने का इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज और भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में बहुत फायदा मिलेगा।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 07:26 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 07:26 PM (IST)
कीवी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे बोले- ड्यूक गेंदों से अभ्यास करने का असर WTC Final में देखने को मिलेगा
न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवोन कॉनवे। (फाइल फोटो)

साउथैंप्टन, प्रेट्र। न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवोन कॉनवे का मानना है कि स्वदेश में ड्यूक गेंदों से अभ्यास करने का इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों और भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में बहुत फायदा मिलेगा।इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज दो जून से शुरू होगी। इसके बाद भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 जून से साउथैंप्टन में डब्ल्यूटीसी फाइनल खेला जाएगा। न्यूजीलैंड की 20 सदस्यीय टीम में कॉनवे उन तीन खिलाडि़यों में शामिल हैं जिन्होंने अब तक टेस्ट मैच नहीं खेला है। उनका मानना है कि इस दौरे से पहले लिंकन में अभ्यास शिविर का काफी फायदा मिलेगा। न्यूजीलैंड स्वदेश में कूकाबूरा गेंद से खेलता है।

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कॉनवे ने कहा, 'यह हमारे लिए बेहद फायदेमंद रहा। हमें ड्यूक गेंदों से खेलने और उसे समझने का मौका मिला। इससे हमें अपनी रणनीति तैयार करने में मदद मिली, लेकिन मुझे लगता है कि इससे (गेंद बदलने) बहुत अधिक परिवर्तन नहीं होता है। हम जानते हैं कि ड्यूक गेंद कूकाबूरा की तुलना में थोड़ा अधिक स्विंग करती हैं, लेकिन आपको गेंद का सामना करना होता है तथा एक रणनीति के साथ क्रीज पर उतरकर उस पर अमल करना होता है।'

दक्षिण अफ्रीका में जन्मे इस खिलाड़ी को सीमित ओवरों की क्रिकेट में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद टेस्ट टीम में चुना गया। स्वदेश में अभ्यास शिविर में कॉनवे ने स्पिन गेंदबाजों के सामने भी खूब अभ्यास किया ताकि उन्हें डब्ल्यूटीसी फाइनल में रविचंद्रन अश्विन जैसे गेंदबाजों का सामना करने में मदद मिले।

अपने इस पहले टेस्ट दौरे में यह 29 वर्षीय खिलाड़ी टॉम लाथम और रोस टेलर जैसे स्थापित बल्लेबाजों से काफी कुछ सीखना चाहता है। उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए सीखने का बहुत अच्छा मौका है कि कैसे रणनीति तय करनी है और उस पर अमल करना है। कई खिलाड़ी टेस्ट टीम में लंबे समय से हैं और उनके अनुभवों से कुछ सीखना अच्छा है।'


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