दानिश कनेरिया ने पीसीबी की धर्म आधारित राजनीति को गलत बताया, कहा- गर्व है हिंदू हूं
दानिश कनेरिया ने पूछा कि क्या कोई मुझे बता सकता है कि सिर्फ मुझे ही पूरी जिंदगी के लिए बैन क्यों किया गया दूसरों को नहीं।
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उमर अकमल के तीन साल के बैन को घटाकर 18 महीने का कर दिया जो दानिश कनेरिया को नागवार गुजरा। उन्होंने कहा कि उनकी दलीलों को उनके बैकग्राउंड व धर्म की वजह से इग्नोर कर दिया जाता है। कनेरिया दूसरे हिंदू हैं जिन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया था। उनके चाचा अनिल दलपत पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले हिंदू खिलाड़ी थे।
दानिश कनेरिया हमेशा ही अपने बैन के खिलाफ अपील करते रहते हैं। इसके जवाब में हाल ही में 39 साल के कनेरिया को पीसीबी ने कहा था कि उन्हें इस मामले में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से बात करनी चाहिए। कनेरिया पर ईसीबी ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन लगाया था जब वो एसेक्स के लिए खेल रहे थे। कनेरिया ने अपने ट्विटर पर लिखा कि जीरो टॉलरेंस पॉलिसी सिर्फ दानिश कनेरिया पर ही लागू है दूसरों पर नहीं। क्या मुझे कोई बता सकता है कि मुझे पूरी जिंदगी के लिए बैन कर दिया गया, लेकिन दूसरों को नहीं। क्या पॉलिसी सिर्फ कास्ट के आधार पर लागू किया जाता है। मैं हिंदू हूं और मुझे इस पर गर्व है और यही मेरा बैकग्राउंड और मेरा धर्म है।
उमर अकमल के बैन को कम किए जाने के पीसीबी के फैसले ने कईयों को चौंका दिया जबकि उन्होंने स्वीकार कर लिया था कि सटोरियों ने इस साल पीएसएल से पहले उनसे संपर्क किया था। यही नहीं इसके लिए उन्होंने ना तो माफी मांगी और ना ही उन्हें इस बात का पाश्चाताप था। इसकी वजह से उन्हें पीसीबी ने तीन साल के लिए बैन कर दिया था।
वहीं दूसरी तरफ अकमल पीसीबी के इस फैसले से खुश नहीं हैं और उन्होंने एक बार फिर से बोर्ड के इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं जज का धन्यवाद अदा करता हूं जिन्होंने मेरे वकील की बातें गौर से सुनी। अब मैं आगे अपने बैन को और कम करवाने की कोशिश करूंगा। अब उमर अकमल अक्टूबर 2021 के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी कर पाएंगे। यानी वो 2022 टी20 वर्ल्ड कप और 2023 वनडे वर्ल्ड कप में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने अक्टूबर 2019 के बाद से पाकिस्तान के लिए कोई मैच नहीं खेला है।