माली से पिच क्यूरेटर बने दलजीत सिंह ने दिया ये बयान, 22 साल की भारतीय क्रिकेट की सेवा
मोहली में खेले गए India vs South Africa मैच से ठीक पहले विराट कोहली और रवि शास्त्री ने दलजीत सिंह को सम्मानित किया था।
मोहाली, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट की 22 साल तक सेवा करने के बाद क्यूरेटर दलजीत सिंह अब संन्यास ले चुके हैं। दलजीत सिंह व्यवस्था में आए बदलाव से काफी खुश हैं जिसमें उन्हें महज 'माली' के तौर पर नहीं देखा जाता, बल्कि पूरा सम्मान दिया जाता है। पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर दलजीत भले ही अब बीसीसीआइ की पिच समिति में शामिल नहीं हों, लेकिन फिर भी उन्हें 22 गज की पिच से दूर रखना मुश्किल है। वह पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) की पिच समिति के प्रमुख के तौर पर बने हुए हैं।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच यहां दूसरे टी-20 के दौरान कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली ने उन्हें सम्मानित किया। दलजीत का यह आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच था। खिलाड़ियों के लिए भले ही मौसम गर्म और उमस भरा हो, लेकिन दलजीत को इससे कोई परेशानी नहीं दिखती। दलजीत ने इस महीने के शुरू में बीसीसीआइ के मुख्य क्यूरेटर पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा, 'मैं अब भी व्यायाम करता हूं। मुझे अगर धूप में खड़ा होना है तो मुझे ऐसा करना ही पड़ेगा।'
आखिरी बार दीं अपनी सेवाएं
पीसीए और बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष आइएस बिंद्रा ने 1993 में मोहाली में भारत की सबसे तेज पिच तैयार करने के लिए उन्हें चुना था और अगले चार वर्षोंं में दलजीत 1997 में बीसीसीआइ की पहली पिच समिति का हिस्सा बन गए। दलजीत ने कहा, 'यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि भारतीय क्रिकेट ने लंबा सफर तय किया है, जिसमें क्यूरेटर का काम भी शामिल है। पहले मैदानकर्मियों को सिर्फ 'माली' के तौर पर देखा जाता था, जिन्हें वेतन भी नहीं दिया जाता था लेकिन अब हमारे पास एक प्रणाली है, जिससे अब (2012 के बाद से) प्रमाणित क्यूरेटर ही होते हैं।'