पूर्व गेंदबाजों ने कहा-अब थूक, लार और पसीने से गेंद चमकाने से पहले सोचना
खिलाड़ियों का गेंद को चमकाने के लिए थूक और पसीने का इस्तेमाल करना कोरोना संक्रमण के बाद खतरनाक हो सकता है। इस बारे में अलग अलग पूर्व गेंदबाजों ने अपनी राय दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण वजह से इस वक्त तमाम खेलों के आयोजन स्थगित कर दिए गए हैं। क्रिकेट के दोबारा शुरू होने पर भी लोगों को कोरोना से बचने के तमाम उपाय करते रहने होंगे। सबसे अहम होगा खिलाड़ियों का गेंद को चमकाने के ले थूक और पसीने का इस्तेमाल करना। इस बारे में अलग अलग पूर्व गेंदबाजों ने अपनी राय दी है।
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने कहा, "मैच जब दोबारा शुरू होंगे तो उन्हें कुछ समय तक सिर्फ पसीने का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि खिलाडि़यों की सुरक्षा सर्वोच्च है। गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं करने से गेंदबाजों के लिए चीजें मुश्किल हो जाएंगी लेकिन यह समय की जरूरत है।"
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने कहा, "खेल दोबारा शुरू होने पर उन्हें कुछ महीने के लिए लार के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करना होगा। गेंदबाज के रूप में हमें किसी अन्य चीज के इस्तेमाल के बारे में सोचना होगा। तेज गेंदबाजों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है, स्पिनरों के लिए भी क्योंकि इससे उन्हें ड्रिफ्ट हासिल करने में मदद मिलेगी। मुझे नई गेंद को स्विंग कराने और पुरानी गेंद को रिवर्स स्विंग कराने में काफी मदद मिली।"
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी, "खेल में लार के इस्तेमाल पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है। मुझे नहीं लगता कि यह विचित्र सवाल है। इस पर असल में विचार किया जाना चाहिए।"
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने कहा, "गेंद को चमकाने के लिए थूक लगाने पर दोबारा से विचार करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि सफेद गेंद के क्रिकेट पर थूक नहीं लगाने का इतना असर नहीं पड़ेगा, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में मुश्किल हो जाएगी।"