मैदान पर टेस्ट से पहले बंगाल क्रिकेटर देंगे आंखों का टेस्ट, CAB ने की घोषणा
बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने अपने खिलाडि़यों की आंखों की जांच को अनिवार्य कर दिया है। ऐसा करने वाला वह देश का पहला क्रिकेट संघ है।
खेल संवाददाता, कोलकाता। लॉकडाउन के बाद जब बंगाल के क्रिकेटर मैदान में वापसी करेंगे तो उनके फिटनेस के साथ-साथ आंखों की भी बारीकी से जांच की जाएगी। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने अपने खिलाडि़यों की आंखों की जांच को अनिवार्य कर दिया है। ऐसा करने वाला वह देश का पहला क्रिकेट संघ है।
पूर्व क्रिकेटर व बंगाल रणजी टीम के मौजूदा मुख्य कोच अरुण लाल की सलाह पर कैब ने यह कदम उठाया है। अरुण लाल ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा "क्रिकेट के खेल में अच्छी दृष्टि बेहद अहम हैं। खिलाड़ी लॉकडाउन के बाद लंबे समय के उपरांत मैदान में लौटेंगे इसलिए उनकी आंखों की जांच भी जरूरी है। उम्र के लिहाज से भी यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बंगाल में 30 साल से अधिक उम्र के कई खिलाड़ी हैं।"
गौरतलब है कि गत सोमवार को कैब के पदाधिकारियों और बंगाल टीम के कोचिंग स्टाफ के बीच बैठक हुई थी, जिसमें कोच अरुण लाल ने खिलाडि़यों के नेत्र परीक्षण का प्रस्ताव रखा था, जिसे सर्वसम्मति से अनुमोदित कर दिया गया। अरुण लाल का मानना है कि इससे बल्लेबाजों को फायदा मिलेगा, खासकर नई गेंद के खिलाफ।
कैब इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए नेत्र विशेषज्ञ और अपनी चिकित्सा समिति की सदस्या नंदिनी रॉय से परामर्श करेगा। प्री-सीजन कैंप के दौरान खिलाडि़यों की आंखों की जांच की जाएगी। कैब के अध्यक्ष अभिषेक डालमिया ने कहा "दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण पहलू है, जो सजगता के मामले में बड़ी भूमिका निभाता है इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है। डालमिया ने हालांकि यह भी कहा कि प्रशिक्षण फिर से शुरू करने के लिए अभी कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है।"
बंगाल टीम की परिचालन गतिविधियों के प्रबंधक जयदीप मुखर्जी ने कहा "खिलाडि़यों की जानकारी के बिना उनकी आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है, जिससे उनके खेल पर भारी असर पड़ सकता है इसलिए सीनियर और अंडर-23 टीमों के खिलाडि़यों की आंखों की जांच अनिवार्य की गई है और यह अंडर-19 क्रिकेटरों के मामले में भी देखने को मिल सकता है। हम इस मामले पर बीसीसीआइ के दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं, हालांकि हमारे अपने दिशानिर्देश भी हैं। खिलाडि़यों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।"