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EXCLUSIVE: मैदान पर जो कुछ भी करते हैं, उसमें सबकुछ झोंक देते हैं बेन स्टोक्स

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स की तारीफ करते हुए कहा है कि वे मैदान पर अपना सौ फीसदी देने की कोशिश करते हैं। स्टोक्स राजस्थान के लिए आइपीएल खेल रहे हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:39 PM (IST)
EXCLUSIVE: मैदान पर जो कुछ भी करते हैं, उसमें सबकुछ झोंक देते हैं बेन स्टोक्स
बेन स्टोक्स अपना सौ फीसदी देने की कोशिश करते हैं (फाइल फोटो)

सुनील गावस्कर का कॉलम। खेल देखकर जो खुशी मिलती है उसमें पूरी तरह से खारिज कर दिए किसी खिलाड़ी की शानदार वापसी देखने का मजा भी शामिल है। ये मजा तब और बढ़ जाता है जब आप उस खिलाड़ी का सम्मान करते हों। बेन स्टोक्स का शानदार शतक देखना बेहद सुखद था। सांस रोक देने वाले उनके शॉट्स ने उनकी टीम को एक ऐसे लक्ष्य तक सफलतापूर्वक पहुंचाया, जो बिल्कुल भी आसान नहीं था। हालिया समय में कोई भी खिलाड़ी जिंदगी के इतने उतार चढ़ाव से नहीं गुजरा है जितने की स्टोक्स। बावजूद इसके वो अपनी टीम के लिए बेहद समर्पित और प्रतिबद्ध हैं और जिस तरह हर मैच में खून पसीना बहाते हैं वो वाकई में शानदार है।

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मेरे साथी और प्रतिद्वंद्वी कपिल देव व इयान बॉथम की तरह ही स्टोक्स के दिमाग में भी कभी असंभव शब्द नहीं आता। हम सभी जानते हैं कि वे कितनी शानदार बल्लेबाजी और बेहतरीन गेंदबाजी करते हैं लेकिन स्टोक्स को डीप में फील्डिंग करते देखकर पता लगता है कि टीम स्पि्रट और समर्पण क्या होता है। वह खुद को पूरी तरह गेंद पर झोंक देते हैं, बिना इस बात की परवाह किए कि उन्हें चोट लग सकती है। वो भी सिर्फ एक रन बचाने के लिए। ऐसे खिलाड़ी को अपनी टीम में पाकर कोई भी कप्तान खुद को खुशकिस्मत महसूस करेगा और राजस्थान की टीम भी काफी भाग्यशाली है। राजस्थान राहुल तेवतिया को टीम में पाकर भी खुशकिस्मत है।

तेवतिया स्टोक्स की तरह ही मैदान पर जो कुछ भी करते हैं, उसमें पूरी जान लगा देते हैं। अपनी बल्लेबाजी के दम पर टीम को मैच जिताने के बावजूद उन्हें निचले क्रम पर उतारा जाता है, जबकि अधिक ओवर खेलने के लिए मिलने पर वो विपक्षी टीम को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिस तरह स्टोक्स ने अपने शतक से आलोचकों को गलत साबित किया, ठीक उसी तरह अंक तालिका में जबरदस्त वापसी कर पंजाब ने भी किया। ये अलग बात है कि शुरुआती मैचों में से कुछ में उसकी हार का अंतर बेहद करीबी रहा, लेकिन हम सभी जानते हैं कि क्रिकेट में एक रन शतक और 99 के बीच का अंतर होता है और जीत और हार की वजह भी।

ये दिल तोड़ने वाला हो सकता है, लेकिन जिस टीम के डगआउट में अनिल कुंबले मौजूद हों वहां छाती पीटने और खुद पर संदेह करने के लिए कोई मौका नहीं होता। जिस तरह पंजाब के खिलाड़ियों ने हार के सिलसिले को तोड़ते हुए जीत का सफर शुरू किया, वो देखना भी बेहद सुखद है। पंजाब के पास फॉर्म में चल रहे कप्तान केएल राहुल हैं तो उनके बाद यूनिवर्स बॉस मैदान पर आते हैं और गेंद का कचूमर निकालने में वैसे ही जुट जाते हैं, जैसा सिर्फ वो ही कर सकते हैं।

मुहम्मद शमी हवा की तरह गेंदबाजी कर रहे हैं और अगर वह सभी छह गेंदों पर फोकस रखते हैं और कुछ गेंदों के बाद आसान डिलीवरी नहीं करते हैं तो उनके पास ऐसी इकोनॉमी रेट होगी जिसके लिए हर गेंदबाज जान छिड़कता है। पिता के निधन के बावजूद मनदीप सिंह का खेलना पंजाब की फाइटिंग स्पि्रट को दर्शाता है। ये दो योद्धा टीमों के बीच की जंग है, जो लीग में बने रहने के लिए एक दूसरे से भिड़ेंगी। और जब ये मुकाबला खत्म होगा तो ग्राउंड्समैन को सिर्फ धूल ही साफ नहीं करनी होगी, बल्कि इसमें इस्तेमाल किए गए हथियारों के टुकड़े भी समेटने होंगे। 


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