मैनचेस्टर टेस्ट रद होने के बाद हुए विवाद पर पहली बार बोले BCCI अध्यक्ष, सौरव गांगुली ने तोड़ी चुप्पी
गांगुली ने इस बारे में एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए कहा खिलाड़ियों ने मैच खेलने से मना कर दिया था लेकिन आप उनको दोष नहीं दे सकते हैं। योगेश परमार सभी खिलाड़ियो संपर्क में ऐसे थे जिससे डर लाजमी था।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत का इंग्लैंड दौरा आखिरी टेस्ट मैच की वजह से विवादों में घिर गया। भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी कोरोना के खतरे को देखते हुए रद करना पड़ा था। इस मैच को लेकर आए फैसले की वजह से अब तक विवाद चल रहा है। बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने अब इस मामले में चुप्पी तोड़ते हुए बताया है कि टीम के खिलाड़ी इस मैच को नहीं खेलना चाहते थे उन्होंने मैदान पर उतरने से मना कर दिया था।
मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला 10 सितंबर से 14 सितंबर के बीच खेला जाना था। मैच से एक दिन पहले भारतीय टीम के सहायक फीजियो योगेश परमार कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद सभी खिलाड़ियों को पैक्टिस बंद कर होटल के कमरे में जाने की सलाह दी गई थी। हालांकि इसके बाद आई रिपोर्ट में टीम से सभी सदस्य नेगेटिव थे। फिर भी डल के माहौल की वजह से खिलाड़ियों ने पांचवें टेस्ट मैच में खेलने के मना कर दिया था।
गांगुली ने इस बारे में एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए कहा, "खिलाड़ियों ने मैच खेलने से मना कर दिया था लेकिन आप उनको दोष नहीं दे सकते हैं। योगेश परमार सभी खिलाड़ियो संपर्क में ऐसे थे जिससे डर लाजमी था। वह आजादी से सभी खिलाड़ियों के साथ मिल रहे थे जबकि उन्होंने कोविड 19 का टेस्ट भी करवाया। वह सभी खिलाड़ियों मसाज भी दे रहे थे जोकि उनके दिनचर्या का एक हिस्सा है।"
आगे उन्होंने कहा, "सभी खिलाड़ी बुरी तरह से डर गए थे जब उनको इस बात का पता चला कि उनका टेस्ट पाजिटिव आया है। सभी खिलाड़ी को इसी बात का डर बैठ गया था कि वह भी उस बीमारी के संपर्क में आ गए हो सकते हैं जो कि इतना ज्यादा खतरनाक है।"