पुरानी बीमारी है बॉल टेंपरिंग, पहला मामला भारत ने ही उठाया, पहली सजा पाकिस्तानी खिलाड़ी को
गेंद के साथ छेड़छाड़ से बॉल ज्यादा स्विंग होने लगती है, जिससे गेंदबाज को ज्यादा विकेट मिलने की संभावना बन जाती है
नवीन जैन। यूं तो क्रिकेट को जेंटलमैन गेम कहा जाता है, लेकिन इससे जुड़ी विवादास्पद खबरें भी आया करती हैं। ताजा विवाद बॉल टेंपरिंग (गेंद के साथ छेड़छाड़) का है। इस विवाद ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की फजीहत कर दी है। गेंद के साथ छेड़छाड़ इसलिए की जाती है क्योंकि उससे बॉल ज्यादा स्विंग होने लगती है, जिससे गेंदबाज को ज्यादा विकेट मिलने की संभावना बन जाती है।
मजेदार बात यह है कि भारत के सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ भी बॉल टेंपरिंग के मामले में फंस चुके हैं। जब 2001 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज चल रही थी तब सचिन पर गेंद से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था। इस आरोप के चलते उनके एक मैच में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि यह प्रतिबंध बाद में हटा लिया गया था। राहुल द्रविड़ पर 2004 जिंबाब्बे दौरे के दौरान एक तरह की टॉफी से गेंद को चमकाने का आरोप लगा था। इसके कारण उन्हें जुर्माना भरना पड़ा था।
क्रिकेट गेंद के साथ नहीं कर सकते ये सब
आइसीसी ने क्रिकेट को जेंटलमैन गेम बनाए रखने के लिए कुछ कानून बनाए हैं। इसमें गेंद और बल्ले से जुड़े सख्त कानून भी हैं। इस कानून के मुताबिक कोई भी खिलाड़ी गेंद के आकार और उसकी बनावट के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता। यदि ऐसी कोई घटना पाई जाती है तो उसे बॉल टेंपरिंग कहा जाता है। इस नियम के मुताबिक कोई भी खिलाड़ी किसी बाहरी चीज जैसे कटर, चुइंगम, टेप, नाखून या किसी और वस्तु से गेंद को रगड़ नहीं सकता। हालांकि अगर खेलने के दौरान गेंद में कोई खराबी आती है तो दोनों टीमों के कप्तान अंपायर से संपर्क कर गेंद को बदलने की मांग कर सकते हैं।
पैंट की जिप से भी बॉल टेंपरिंग
बॉल टेंपरिंग दो प्रकार की होती है। बॉल के या तो आधे हिस्से को चिकना कर दिया जाता है या उसे खुरदरा बना दिया जाता है। ऐसी गेंद पिच पर टप्पा खाकर बल्लेबाज के पास पहुंचती है तो खुरदरे हिस्से पर हवा का दबाव कम हो जाता है और गेंद स्विंग होने लगती है। इसके अलावा खिलाड़ियों को अपने दांत, पैंट की जिप, मिट्टी, कोल्ड डिंक की बोतल के ढक्कन जैसी चीजों से बॉल टेंपर करते हुए पकड़ा जा चुका है। हां, खिलाड़ियों को नियमत: कुछ छूट मिली हुई है कि वे गेंद में चमक लाने के लिए पसीने या लार जैसी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल कर लें।
सजा पाने वाले पहले खिलाड़ी वकार युनूस
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी वकार युनूस बॉल टेंपरिंग के कारण सजा पाने वाले पहले खिलाड़ी थे। सन 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जब पाकिस्तान की टीम वन डे मैच खेल रही थी तो वकार युनूस को गेंद की सीम के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया गया था। इसके बाद उन पर आइसीसी ने एक मैच के लिए बैन लगा दिया था।
सामूहित छेड़छाड़ में भी पाकिस्तान का स्थान पहला
पाकिस्तान की ही टीम पर टेस्ट मैच में गेंद से छेड़छाड़ करने का आरोप 2006 में लगा था, जिसकी वजह वह टीम दो दिन के आखिरी सत्र के लिए मैदान में नहीं उतर पाई थी, जिसके कारण अंपायरों ने इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया था। एक अन्य मामले में भी 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टी-20 मैच में पाकिस्तान की टीम के तत्कालीन कप्तान शाहिद आफरीदी पर आरोप लगा था कि उन्होंने गेंद को घिसा। आफरीदी का कहना था कि वे गेंद को सूंघ रहे थे, मगर अंतत: उन्हें बॉल टेंपरिंग का दोषी पाया गया।
बॉल टेंपरिंग का पहला आरोप 70 के दशक में
बॉल टेंपरिंग के मामले में भले ही सजा पाने वाले पहले खिलाड़ी वकार युनूस रहे हों, लेकिन गेंद से छेड़छाड़ करने का पहला आरोप सत्तर के दशक में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जॉन लीवर पर लगा था। उस समय भारतीय टीम के कप्तान बिशनसिंह बेदी थे। उन्होंने जॉन लीवर पर बॉल पर वैसलीन लगाने का आरोप लगाया था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल अथर्टन ने भी जेब में रखी मिट्टी से गेंद के साथ छेड़छाड़ की थी। बहरहाल यह विवाद गाहे-बेगाहे क्रिकेट को अपनी चपेट में लेता रहा है।