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धौनी, कर्स्टन और श्रीनिवासन के खिलाफ जाकर विराट को टीम में किया था शामिल, गवांना पड़ा था पद

विराट को टीम में शामिल करने का खमियाजा वेंगसरकर को चुकाना पड़ा था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 08 Mar 2018 04:17 PM (IST)Updated: Fri, 09 Mar 2018 08:23 AM (IST)
धौनी, कर्स्टन और श्रीनिवासन के खिलाफ जाकर विराट को टीम में किया था शामिल, गवांना पड़ा था पद
धौनी, कर्स्टन और श्रीनिवासन के खिलाफ जाकर विराट को टीम में किया था शामिल, गवांना पड़ा था पद

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने कहा कि उन्हें बीसीसीआइ की नेशनल सेलेक्शन कमेटी के चीफ पद से इसलिए हटा दिया गया था क्योंकि उन्होंने वर्ष 2008 में भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान कप्तान विराट कोहली को टीम में शामिल करने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि उस वक्त बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष एन. श्रीनिवासन टीम में विराट की जगह तमिलनाडु के बल्लेबाज एस. बद्रीनाथ को शामिल करना चाहते थे पर मेरा विराट का बैकअप करना उन्हें पसंद नहीं आया था। 

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वेंगसरकर ने कहा कि विराट ने वर्ष 2008 में विश्व कप में इंडिया अंडर 19 की की कप्तानी की थी और उनकी अगुआई में भारत ने विश्व कप का खिताब भी जीता था। मैं विराट की इस उपलब्धि के बाद उन्हें भारतीय वनडे टीम में श्रीलंका दौरे के लिए शामिल करना चाहता था लेकिन इसकी वजह से श्रीनिवास ने उन्हें बलपूर्वक चीफ सेलेक्टर के पद से हटवा दिया। वेंगसरकर ने बताया कि श्रीलंका दौरे के लिए जब टीम का चुनाव करना था तब मैं विराट को वनडे टीम में शामिल करना चाहता था लेकिन कप्तान धौनी और टीम के कोच गैरी कर्स्टन इसके लिए तैयार नहीं थे। 

विराट के बारे में बताते हुए वेंगसरकर ने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा था कि ये सही समय है जब विराट को भारतीय टीम का हिस्सा बनाया जाए और बाकी के चार सेलेक्टर्स मेरे फैसले से सहमत थे पर धौनी और गैरी इसके लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उन्होंने विराट को ज्यादा खेलते हुए नहीं देखा था। मैंने उनसे कहा कि मैंने विराट को खेलते हुए देखा है और हम उन्हें टीम में शामिल करना चाहते हैं। मुझे पता था कि वो टीम में एस बद्रीनाथ को रखना चाहते हैं क्योंकि धौनी उस वक्त आइपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स टीम का हिस्सा थे। अगर विराट टीम में आते तो बद्रीनाथ को बाहर बैठना पड़ता। उस वक्त श्रीनिवासन बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष थे। अगर विराट टीम में आते तो वो नाराज हो जाते क्योंकि बद्री तमिलनाडु के खिलाड़ी थे। 

भारतीय टीम के लिए 116 टेस्ट और 129 वनडे मैच खेलने वाले वेंगसरकर को किरण मोरे की जगह वर्ष 2006 में चीफ सेलेक्टर बनाया गया था। वो दो साल से भी कम समय तक इस पद पर रहे और बाद में उनकी जगह ये पद उनके साथी खिलाड़ी और पूर्व भारतीय बल्लेबाज के. श्रीकांत को दे दिया गया। ये सारे फैसले श्रीनिवासन के जोर पर लिए गए थे और उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था। 

एस. बद्रीनाथ ने वर्ष 2008 में श्रीलंका दौरे पर अपना वनडे डेब्यू किया था और उस दौरे पर खेले तीन मैचों में उन्होंने 27*, 6 और 6 रन की पारी खेली थी। विराट ने भी इसी दौरे पर अपना वनडे डेब्यू किया था और पांच वनडे मैचों में उन्होंने 12, 37, 25, 54 और 31 रन की पारी खेली थी। 

वेंगसरकर से बाद में श्रीनिवासन ने पूछा कि आपने विराट को टीम में शामिल किया था तो मैंने उन्हें जबाव दिया कि मैं ऑस्ट्रेलिया में इमर्जिंंग प्लेयर टूर में विराट को खेलते देखा था जहां उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की थी इस वजह से मैंने उन्हें टीम में शामिल किया था। श्रीनिवासन ने मुझसे कहा कि बद्रीनाथ के तमिलनाडु के लिए 800 से ज्यादा रन बनाए हैं। मैंने उनसे कहा कि उन्हें जल्दी ही मौका मिलेगा। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि वो 29 वर्ष के हो चुके हैं फिर उन्हें कब मौका मिलेगा। मैंने उनसे कहा कि वो टीम में जरूर आएंगे लेकिन कब इसका जबाव मैं नहीं दे सकता। इसके बाद अगले ही दिन चीफ सेलेक्टर के पद पर श्रीकांत आ गए और मेरी छुट्टी कर दी गई। 

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