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राख से फिर निकलेगी आग, एशेज सीरीज का आज से आगाज

नॉटिंघम, एजेंसी। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिष्ठित एशेज सीरीज बुधवार से यहां शुरू होगी और इस बार दोनों ही टीमों के ऊपर इस ट्रॉफी को जीतने का जबरदस्त दबाव है। पहली बार एशेज सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम इतनी कमजोर नजर आ रही है जबकि 77 साल बाद एंडी मरे के विंबलडन चैंपियन बनने से ब्रिटिश प्रशंसकों

By Edited By: Published: Wed, 10 Jul 2013 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2013 02:37 PM (IST)
राख से फिर निकलेगी आग, एशेज सीरीज का आज से आगाज

नॉटिंघम, एजेंसी। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिष्ठित एशेज सीरीज बुधवार से यहां शुरू होगी और इस बार दोनों ही टीमों के ऊपर इस ट्रॉफी को जीतने का जबरदस्त दबाव है। पहली बार एशेज सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम इतनी कमजोर नजर आ रही है जबकि 77 साल बाद एंडी मरे के विंबलडन चैंपियन बनने से ब्रिटिश प्रशंसकों को अपनी क्रिकेट टीम से भी बहुत ज्यादा उम्मीदें हो गई है। एक तरह से देखा जाए पांच मैचों की इस सीरीज से पहले दोनों ही टीमें उम्मीदों के पहाड़ तले दबी हैं।

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1882 से खेली जा रही इस सीरीज में आग जैसा ज्वलंत प्रदर्शन एक बार फिर देखने को मिल सकता है। स्टंप की गिल्ली (बेल्स) की राख (एश) से बनी पहली ट्रॉफी के कारण इस सीरीज को एशेज कहा जाता है। इस ट्रॉफी को जीतने के लिए माइकल क्लार्क और एलिस्टेयर कुक की सेना तैयार हैं। जहां ऑस्ट्रेलिया अपने हाल के खराब प्रदर्शन को भुलाकर आगे बढ़ने को तत्पर है तो वहीं इंग्लैंड पुरानी सफलताओं को भूलकर आत्ममुग्ध होने से बच रहा है। जहां ऑस्ट्रेलिया को भारत ने 4-0 से रौंदा था वहीं इंग्लैंड ने पिछले साल मार्च में इसी टीम के खिलाफ जीत हासिल की थी। इंग्लैंड लगातार तीसरी बार एशेज जीतने की कोशिश करेगा। उसने 2009 में घरेलू सीरीज जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया में 2011 में 24 साल में पहली बार सीरीज जीती थी।

मेहमान ऑस्ट्रेलियाई टीम बहुत सारे सवालों के साथ इंग्लैंड आई है। पीठ की चोट से परेशान रहने वाले कप्तान माइकल क्लार्क से उसे सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं लेकिन वह विश्व स्तरीय प्रदर्शन कर पाएंगे इस पर आलोचकों को शक है। इसके अलावा शेन वॉटसन और ब्राड हैडिन से भी प्रशंसकों को उम्मीदें हैं। ऑस्ट्रेलिया की ओर से पीटल सिडल तेज गेंदबाजों की अगुआई करेंगे जिनकी विश्व रैंकिंग पांच है। इसके अलावा तेज गेंदबाज जेम्स पैटिंसन अंग्रेजों को परेशान कर सकते हैं।

हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ हालिया सीरीज में इंग्लैंड की बल्लेबाजी बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं रही लेकिन फिर भी वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मजबूत दिख रहे हैं। केविन पीटरसन घुटने की चोट से उबरकर वापसी कर रहे हैं इससे इंग्लिश प्रशंसकों को आशा बंधती है। पीटरसन का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 52.71 का औसत है और वह मेजबान टीम के लिए जबरदस्त साबित हो सकते हैं। कप्तान एलिस्टेयर कुक शानदार फॉर्म में हैं जबकि इयान बेल और ट्रॉट के बल्ले से रन निकलना जारी है। जेम्स एंडरसन, फिन और स्वान गेंदबाजी में अहम भूमिका निभाएंगे।

टीमें : इंग्लैंड : एलिस्टेयर कुक (कप्तान), जो रूट, जोनाथन ट्रॉट, केविन पीटरसन, इयान बेल, जॉनी बेयरस्टॉ, मैट प्रायर, टिम ब्रेसनेन, स्टुअर्ट ब्रॉड, ग्रीम स्वान, स्टीवेन फिन, जेम्स एंडरसन, ग्राहम अनियंस।

ऑस्ट्रेलिया : माइकल क्लार्क (कप्तान), ब्राड हैडिन, शेन वॉटसन, क्रिस रोजर्स, एड कोवान, डेविड वार्नर, फिल हृयूज, स्टीव स्मिथ, उस्मान ख्वाजा, मैथ्यू वेड, जेम्स फॉकनर, नाथन लियोन, पीटर सिडल, जेम्स पैटिंसन, मिशेल स्टार्क, रेयान हैरिस, जैक्सन बर्ड, एस्टन एगर।

'हम ऑस्ट्रेलिया के प्रदर्शन को नहीं देख रहे हैं। भारत के खिलाफ उसके हालिया प्रदर्शन के बावजूद वह ऐसी टीम है जिसे हराना बाकी टीमों की अपेक्षा कठिन है।' -ग्रीम स्वान, इंग्लिश स्पिनर

'हमारे पास बहुत बढि़या खिलाड़ी हैं। सबसे बड़ी क्रिकेट सीरीज बहुत ही रोमांचक होने वाली है। हम शानदार प्रदर्शन कर जीत हासिल करने का प्रयास करेंगे।' -ब्राड हैडिन, ऑस्ट्रेलियाई उपकप्तान

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