नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय टेस्ट टीम को साउथ अफ्रीका दौरे पर सीरीज जीतने का दावेदार माना जा रहा था लेकिन उसका उल्टा हुआ। टीम इंडिया तीन मैचों सीरीज में पहला मैच जीतने के बाद भी 1-2 से हारकर वापस लौटी। टेस्ट टीम के सीनियर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के करियर को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। पूर्व भारतीय ओपनर संजय मांजरेकर ने भी इसको लेकर अपनी राय दी है।
न्यूज 18 से बात करते हुए पूर्व बल्लेबाज ने कहा, अगर जो मैं कह रहा हूं कि यह (साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरा टेस्ट) मैच उनके करियर का आखिरी मुकाबला था तो लोगों को आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं। मुझे इस बात का यकीन है कि अकेले में आप भी यही बात करते होंगे और दूसरी भी ऐसा ही कर रहे होंगे। यह सिर्फ रन बनाने की बात नहीं है बल्कि एक खिलाड़ी मैदान पर किस तरह से नजर आता है इसको भी देखना होगा। साल 2017 के बाद से ही अजिंक्य रहाणे ने ऐसा दिखाया है कि मानो जैसे वह किसी चीज को लेकर पक्के है ही नहीं।
आप देख सकते हैं कि वह कैसे बल्लेबाजी कर रहे हैं और किस तरह से आउट होते हैं। यह एक और चीज है जिससे आपको इस बात का पता चल जाता है कि खिलाड़ी का खेल कैसा जा रहा है। उदाहरण के लिए विराट कोहली शतक नहीं बना पा रहे हैं लेकिन फिर भी वह 70 रन के करीब बना रहे हैं फार्म में वापसी करने के लिए इन रनों का विराट कोहली के लिए काफी महत्व है। तो मेरे लिए रहाणे एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी अपनी एक सेल्फ लाइन होती है और वो अब खत्म हो चुकी है।
पुजारा का मामला मजेदार है वो अपने 100वें टेस्ट मैच के करीब है। उनको टीम के बाहर रखने के लिए भावनात्मक तौर पर चीजों को अलग रखकर सोचना होगा। वैसे मैं पुजारा को रहाणे से थोड़ा ज्यादा वक्त देता। उनकी बल्लेबाजी को देखकर ही इस तरह से बोल रहा हूं। इसके पीछे कोई और वजह नहीं, मुझे ऐसा लगता है अभी भी पुजारा में काफी कुछ बाकी है। लेकिन रहाणे, अगर जो मैं चयनकर्ता होता को उनको अपनी योजना से दो साल पहले ही बाहर कर चुका होगा।
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