अभिनव मुकुंद ने पांच साल बाद टीम में वापसी के पीछे बताया इस शख्स का हाथ
टीम इंडिया में पांच साल से ज्यादा समय बाद जगह बनाने वाले अभिनव मुकुंद ने इस रणजी सीजन में अच्छा खेल दिखाया है और उन्हें इसका इनाम भी मिला है।
चेन्नई। करीब साढ़े पांच साल बाद टीम इंडिया के टेस्ट खेमे में जगह बनाने वाले अभिनव मुकुंद अपने चयन से काफी उत्साहित हैं। मुकुंद ने टीम इंडिया में अपनी वापसी का श्रेय मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को दिया है। तमिलनाडु के इस ओपनिंग बल्लेबाज को बांग्लादेश के खिलाफ 9 फरवरी से खेले जाने वाले एक टेस्ट मैच के लिए 16 सदस्यीय भारतीय टीम में जगह दी गई है। 27 साल के अभिवन मुकुंद अपने चयन पर काफी खुश हैं और उन्होंने इस चयन के पीछे रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में अपने अच्छे प्रदर्शन को भी दिया है। मुकुंद ने बताया कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने उनसे बात कर यह बताया था कि वह भी चयनकर्ताओं के रडार पर हैं। इससे उन्हें और भी अच्छा खेलने की प्रेरणा मिली।
बाएं हाथ के बल्लेबाज मुकुंद ने कहा है, 'मैं अपनी वापसी का पूरा श्रेय प्रसाद को देता हूं। इससे पहले आज तक किसी भी चयनकर्ता ने मुझसे यह बात नहीं कही थी। इस चयन समिति ने मुझे बताया कि मेरे प्रदर्शन पर नजर रखी जा रही है। इससे प्रेरित होकर मैंने और ज्यादा कड़ी मेहनत की' अभिनव मुकुंद ने रणजी के इस सीजन में 849 रन बनाए और इसकी बदौलत उन्हें राष्ट्रीय टीम में एक बार फिर मौका मिला है।
इससे पहले बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज मुकुंद 2011 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के दौरे पर टीम का हिस्सा थे और दोनों ही दौरों पर उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका मिला था। टीम इंडिया से बाहर होने के बाद भी यह बल्लेबाज तमिलनाडु के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कभी भारतीय टीम में वापसी का मौका नहीं मिला था।
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हाल ही में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया को अपने ओपनिंग बल्लेबाजों के चोटिल होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसके बाद टीम इंडिया ने मुरली विजय, केएल राहुल, शिखर धवन, गौतम गंभीर और पार्थिव पटेल के रूप में ओपनिंग जोड़ी में लगातार परिवर्तन देखा है। माना जा रहा है कि गंभीर और धवन के फेल होने के बाद चयनकर्ताओं ने मुकुंद में विश्वास जताया है। अभिनव मुकुंद ने रणजी ट्रॉफी के 849 रनों के अलावा दिलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से खेलते हुए 77 और 169 रनों पारी खेलकर भी चयनकर्ताओं को प्रभावित किया था।