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Chhattisgarh News: भूपेश बघेल का एलान, छत्तीसगढ़ के हर जिले में खुलेंगे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम माडल कालेज

Chhattisgarh छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने वीरवार को एलान कहा है कि अगले तीन वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम माडल कालेज के रूप में नामित किए जाने वाले संस्थान स्थापित किए जाएंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 06:27 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 06:27 PM (IST)
Chhattisgarh News: भूपेश बघेल का एलान, छत्तीसगढ़ के हर जिले में खुलेंगे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम माडल कालेज
छत्तीसगढ़ के हर जिले में खुलेंगे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम माडल कालेज। फाइल फोटो

रायपुर, एजेंसी। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने अगले तीन वर्षों में राज्य के सभी जिलों में अंग्रेजी माध्यम के कालेज स्थापित करने का फैसला किया है। गुरुवार को सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने राज्य के मुख्य सचिव को इस संबंध में 10 दिनों के भीतर कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य उन माता-पिता पर वित्तीय बोझ को कम करना है, जिनके बच्चों को 12वीं कक्षा के बाद शिक्षा के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है। अगले तीन वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम माडल कालेज (Swami Atmanand English Medium Model College) के रूप में नामित किए जाने वाले संस्थान स्थापित किए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वामी आत्माानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों को अच्छी प्रतिक्रिया देखने के बाद यह निर्णय लिया गया है।

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अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा

सीएम बघेल ने मुख्य सचिव को भेजे नोट में कहा कि शुरुआत में जून 2023 से शुरू होने वाले अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य के प्रमुख शहरों में 10 अंग्रेजी माध्यम के कालेज खोले जाएंगे। बाद में इसे अगले तीन वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों में चरणबद्ध तरीके से दोहराया जाएगा। वर्तमान में राज्य में कोई अंग्रेजी माध्यम का सरकारी कालेज नहीं है और छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए महानगरीय कालेजों में प्रवेश लेना पड़ता है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। छात्रों और उनके अभिभावकों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है, क्योंकि उन्हें महानगरों में स्थित कालेजों में प्रवेश लेना पड़ता है।

नैक ग्रेडिंग नहीं तो निजी कालेजों की होगी मान्यता खत्म

राज्य में अब नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद) ग्रेडिंग न कराने वाले निजी कालेजों की मान्यता खत्म होगी। उच्च शिक्षा विभाग से निर्देश के बाद राज्य के छह विश्वविद्यालयों ने संबद्ध निजी कालेजों में नैक ग्रेडिंग अनिवार्य रूप से कराने के लिए पत्र लिखा है। सभी कालेजों को स्पष्ट कहा गया कि दिसंबर, 2022 तक हर हाल में ग्रेडिंग कराना होगा। नहीं कराने वाले कालेजों की संबद्घता खत्म कर दी जाएगी। इसे लेकर अब निजी मेडिकल कालेजों की समस्याएं बढ़ गई है, क्योंकि ज्यादातर कालेजों के पास संसाधन और कार्यबल की समस्या है। निजी कालेजों के लिए नैक ग्रेडिंग को पहली बार अनिवार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 279 निजी कालेज हैं। इनमें से करीब 20 निजी कालेजों ने ही नैक ग्रेडिंग कराया है, जबकि 259 कालेज अब तक नैक ग्रेडिंग नहीं करा पाए हैं।


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